
इटवा में सरकार छोटे बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन सिद्धार्थनगर जिले के इटवा तहसील के भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति चिंता का विषय बन गई है। जहां कुछ केंद्रों में भवन की कमी है, वहीं जहां भवन हैं, उनकी हालत जर्जर हो चुकी है। इसके साथ ही पेयजल और शौचालय की सुविधाएं भी उपयुक्त नहीं हैं, जिससे बच्चों और उनके अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भनवापुर ब्लॉक क्षेत्र में कुल 256 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित
, जिनमें से मात्र 90 केंद्रों के पास खुद का भवन है। बाकी केंद्रों का संचालन स्कूल के अतिरिक्त कक्षों में या बरामदों में किया जा रहा है। इस स्थिति ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और बच्चों के लिए सुविधाओं की कमी को उजागर किया है।
सिंगारजोत के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत बेहद खराब
भनवापुर ब्लॉक के सिंगारजोत गांव में तीन आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन तीनों के पास खुद का भवन है, लेकिन इन भवनों की स्थिति बेहद जर्जर है। पहले आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत आंगनबाड़ी नीलम देवी और सहायिका गीता देवी की उपस्थिति में केवल 35 बच्चे ही पाए गए, जबकि नामांकित बच्चों की संख्या 87 है। यहां के भवन की स्थिति ऐसी है कि कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए, इसका कोई भरोसा नहीं।
शौचालय की स्थिति भी बदतर है।
बच्चों की उपस्थिति कम, सुविधाएं न के बराबर
दूसरे आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी मीना यादव और सहायिका अनामिका यादव उपस्थित थीं, लेकिन यहां केवल 20 बच्चे ही उपस्थित मिले, जबकि नामांकित बच्चों की संख्या 85 थी। इस केंद्र में शौचालय की हालत खस्ताहाल है और शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि बच्चों को पानी पीने के लिए काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। किसी को शौच का आ जाना मतलब खुले में जाना।
बारिश में छत से टपकता है पानी
तीसरे आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति भी नहीं सुधरी है। यहां कुल 54 बच्चों का नामांकन है, लेकिन मौके पर केवल 29 बच्चे ही मौजूद थे। भवन की दीवारों में दरारें हैं और बारिश होने पर छत से पानी टपकने लगता है। यहां भी शौचालय और पेयजल की सुविधाएं नदारद हैं।
सीडीपीओ भनवापुर संजय गुप्ता ने इस समस्या को संज्ञान में लिया है और बताया कि सिंगारजोत के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के लिए उन्हें कायाकल्प योजना में भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी में इन कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। इसके अलावा, ब्लॉक क्षेत्र में आठ नए भवनों का प्रस्ताव भी भेजा गया है और पेयजल और शौचालय की समस्या को हल करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।