
फिरोजाबाद
आज भारतीय मजदूर संघ जिला इकाई फिरोजाबाद द्वारा सहायक श्रम आयुक्त को ज्ञापन दिया गया
कांच एवं चूड़ी श्रमिक एक्ट की आवश्यकता फिरोजाबाद की अनदेखी न हो!
फिरोजाबाद जिसे कांच और चूड़ी उद्योग का गढ़ कहा जाता है, आज गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां करीब 7 लाख मजदूर एवं उद्योगपति इस परंपरागत व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, लेकिन कांच एवं चूड़ी श्रमिक एक्ट न होने के कारण श्रमिकों और उद्योगपतियों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिस प्रकार बीड़ी, चीनी एवं अन्य उद्योगों के लिए अलग-अलग श्रमिक कानून बनाए गए हैं, उसी प्रकार फिरोजाबाद के कांच एवं चूड़ी उद्योग के लिए भी एक विशेष कानून की आवश्यकता है। यह उद्योग केवल फिरोजाबाद तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश एवं विश्वभर में इसकी पहचान है। इसके बावजूद इस क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है, जिससे लाखों परिवारों की आजीविका संकट में आ गई है।कांच श्रमिक एक्ट न होने के कारण श्रमिकों एवं उद्योगपतियों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बनी रहती है। कई बार हड़तालों के कारण न केवल उद्योग प्रभावित होता है, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यदि यह स्थिति जारी रही, तो यह ऐतिहासिक उद्योग धीरे-धीरे समाप्ति की कगार पर पहुंच जाएगा।कांच और चूड़ी उद्योग से सरकार को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा राजस्व प्राप्त होता है। ऐसे में इस उद्योग को संरक्षित करने के लिए विशेष कांच श्रमिक एक्ट बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लागू होने से न केवल श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उद्योगपतियों को भी व्यापारिक स्थिरता प्राप्त होगी।फिरोजाबाद के जनप्रतिनिधियों, श्रमिक संघों एवं उद्योग संगठनों ने इस मांग को उत्तर प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आह्वान किया है। अब देखना यह है कि सरकार कब तक इस ऐतिहासिक उद्योग की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाती है। यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो फिरोजाबाद के इस परंपरागत उद्योग का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष राजीव यादव के नेतृत्व में सभी पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे जिला मंत्री रमाकांत यादव कांच एवं चूड़ी उद्योग मजदूर संघ मंत्री राधा शंखवार कमल सिंह महेश राठौर रामवीर सलमान अन्य कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे