
समीर वानखेड़े:
24 मार्च सोमवार को राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत साहब के आदेशानुसार चंद्रपुर स्थित भविष्य निधि कार्यालय के सामने दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन किया गया।
ईपीएस95, एक छोटी-सी पेंशन योजना है, जो निजी क्षेत्र में काम करने वालों के लिए लागू है। इसमें विभिन्न उद्योगों में कार्यरत कर्मचारी, सरकारी निगमों में कार्यरत कर्मचारी तथा निजी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं।
सरकार ने 500 रुपये की मामूली पेंशन प्रदान की है। 1,000 से रु. इस योजना के तहत 4,000 रु. सरकार उन लोगों से कह रही है कि जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश के विकास के लिए समर्पित कर दिया है, उन्हें 58 या 60 साल की उम्र के बाद इतनी कम पेंशन पर गुजारा करना पड़े।
पेंशन कम से कम 1250 रुपये करने की मांग को लेकर आज भविष्य निधि कार्यालय के सामने धरना दिया गया। 7,500 रुपये महंगाई भत्ते सहित।
एक तरफ सरकारी कर्मचारी और नेता रिटायरमेंट के बाद भी 50 हजार रुपए पेंशन ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश के विकास के लिए प्रयासरत मजदूर वर्ग की उपेक्षा की जा रही है।
मुख्य मांग पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने, पति-पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने, पेंशन में महंगाई भत्ता देने की मांग को लेकर पीएफए कमिश्नर ने बयान दिया है और उन्होंने इसे वरिष्ठों तक पहुंचाने का वादा किया है।
इस धरना आंदोलन में बड़ी संख्या में चंद्रपुर जिले के सेवानिवृत्त पेंशनभोगी और अधिकारी उपस्थित थे. जिला अध्यक्ष और जिला सचिव के अनुरोध पर वरोरा, भद्रावती, राजुरा, चिमूर और अन्य तहसीलों के पेंशनभोगी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।
सबसे पहले नारेबाजी कर धरना आंदोलन शुरू किया गया। प्रमुख रूप से उपस्थित महाराष्ट्र प्रांतीय उपाध्यक्ष अरुणजी जामदाड़े, दीपक जोगी, दौलत साटोन, गुणवंत दड़मल, डीएन गदामवार, दशरथ ताजने नीलकांत आमटे, ताजने वरोरा, पुरूषोत्तम राऊत, दिलीप पुण्य पवार एवं अन्य गणमान्य लोगों ने अपनी संवेदना व्यक्त की।
कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव प्रकाश राठौड़ ने किया, जबकि जिला अध्यक्ष परशुराम टुंडुलवार ने धरना में उपस्थित सभी लोगों को धन्यवाद दिया और नारों व नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया।