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अहमदाबाद विमान दुर्घटना स्थल पर एनआईए और एनएसजी के पहुंचने के मायने? क्यों बढ़ रहा है संदेह का दायरा

अहमदाबाद विमान दुर्घटना की वजहें अभी तक साफ नहीं हो पाई हैं, इसलिए इस हादसे के कारणों को लेकर संदेह का दायरा भी बढ़ता ही जा रहा है। पहले वहां नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम पहुंची और फिर दुर्घटना स्थल को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के हवाले कर दिया गया।

मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई अहमदाबाद विमान दुर्घटना स्थल पर एनआईए और एनएसजी के पहुंचने के मायने? क्यों बढ़ रहा है संदेह का दायरा अहमदाबाद : अहमदाबाद विमान दुर्घटना की वजहें अभी तक साफ नहीं हो पाई हैं, इसलिए इस हादसे के कारणों को लेकर संदेह का दायरा भी बढ़ता ही जा रहा है। पहले वहां नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम पहुंची और फिर दुर्घटना स्थल को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के हवाले कर दिया गया। यह दोनों ही बातें संकेत दे रही हैं कि विमान हादसे को लेकर कुछ इस तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं, जो अब तक इसको लेकर चल रही सारी थ्योरी से भी आगे निकल रहे हैं।प्लेन क्रैश की जांच का बढ़ता दायरा! विमान दुर्घटना स्थल पर एनएसजी कमांडो की तैनाती।अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 274 तक पहुंच चुकी है। विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जिसने लंदन जाने के लिए टेक ऑफ ही किया था। यह विमान अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज परिसर पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस विमान हादसे की जांच वैसे तो आधिकारिक तौर पर एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रही है।लेकिन न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब वहां पर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के कमांडो की तैनात कर दी गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार एनएसजी की टीम वहां अन्य एजेंसियों की सहायता कर रही है। इनमें एएआईबी, डीजीसीए, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और लोकल पुलिस भी शामिल है।विमान दुर्घटना के पीछे आतंकी साजिश की आशंका?इससे पहले पीटीआई ने ही यह भी जानकारी दी कि शुक्रवार को वहां एनआईए के अधिकारी भी पहुंचे थे। जबकि नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) देश में आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली मुख्य एजेंसी है। एनआई का लक्ष्य देश को आतंकवाद से सुरक्षित रखना है। मतलब, इस विमान दुर्घटना की जांच का बढ़ता दायरा इसकी गंभीरता की आशंकाओं की ओर इशारा कर रहा है।’एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच के दो हिस्से हो सकते हैं’।एनएसजी और एनआईए की टीम के दुर्घटना स्थल पर पहुंचने की वजहों को लेकर गांधीनगर में भारत सरकार के एक रिटायर्ड शीर्ष अधिकारी ने जो कुछ बताया है।उससे इन सवालों से कुछ हद तक पर्दा उठ सकता है। उन्होंने बताया कि ‘एयर इंडिया विमान हादसे की जांच के दो हिस्से हो सकते हैं। एक तो विमानन से जुड़ा तकनीकी हिस्सा है। जिसकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो और कई अन्य देशों की एविएशन इंवेस्टिगेशन एजेंसियां और बोइंग के इंजीनियर करेंगे। लेकिन, दूसरे हिस्से की भी गहन छानबीन बहुत जरूरी है।विमान के इंजन या उपकरणों के साथ छेड़छाड़ तो नहीं हुई।उन्होंने बताया कि यह पता लगाना भी बहुत जरूरी है कि क्या एआई-171 के बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के इंजन या उससे जुड़े उपकरणों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गई थी? क्या यह हादसा किसी बड़ी साजिश की वजह से तो नहीं हुआ? क्या यह कोई आतंकी या अलगाववादी वारदात की घटना तो नहीं है? अभी-अभी भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा जाने वाले हैं और गुजरात उनका गृह राज्य है। क्या कोई पीएम मोदी की इस यात्रा में खलल डालना चाहता है? क्या इस दुर्घटना और इन सवालों के बीच कोई तालमेल तो नहीं है? जांच सभी पहलुओं से होनी चाहिए, ताकि इसकी असल और पुख्ता वजह सामने आ सके।बता दें कि शुक्रवार को ही अहमदाबाद विमान हादसे की जांच को लेकर एक शुरुआती रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें इसकी वजह पक्षी से टकराने या ओवरलोडिंग जैसी आशंकाओं को खारिज कर दिया गया था। जबकि, विमान के दोनों इंजन फेल होने के पीछे की सबसे बड़ी थ्योरी बर्ड हिट को ही बताया जा रहा था। इसी वजह से इस भयानक हादसे की वजहों को लेकर आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं।

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