सर्मिष्ठा नाग-कोलकाता
हिंसक हुआ नबान्न अभियान, आईसी समेत कई पुलिसकर्मी और छात्र घायल
पश्चिम बंगाल के हावड़ा मैदान इलाके में जीटी रोड पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच उस समय फिर से झड़प हुईं, जब प्रदर्शनकारियों ने अपने ‘नबन्ना अभियान’ के तहत राज्य सचिवालय की ओर मार्च करने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर और ईंटें फेंकी और राज्य सचिवालय की ओर जाने वाले रास्ते को रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को गिराने का प्रयास किया. झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया जिन्होंने खुद को हावड़ा पुलिस आयुक्तालय के चंडीतला थाने का प्रभारी बताया. हेस्टिंग्स और एमजी रोड इलाके में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके.पुलिस लोगों को खदेड़ते हुए नजर आई.एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, हमें पुलिस ने क्यों पीटा? हमने कोई कानून नहीं तोड़ा हम मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करने के लिए शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए. इस ‘नबन्ना अभियान’ में मुख्य रूप से युवा शामिल हैं जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वे इस मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय ‘नबन्ना’ पहुंचने का प्रयास कर रहे थे.पुलिस ने कहा कि जब कुछ जगहों पर आंदोलनकारियों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया और सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े. ससे पहले दिन में, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज के कोलकाता छोर पर और कोना एक्सप्रेसवे पर संतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों ने नबन्ना तक पहुंचने के लिए पुलिस के अवरोधक पार करने की कोशिश की.संतरागाछी में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए.प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र भी घायल हुए हैं.समस्या तब बढ़ गई जब छात्र संगठन ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ और राज्य सरकार के असंतुष्ट कर्मचारियों के संगठन ‘संग्रामी जौथा मंच’ ने कोलकाता के अलग-अलग स्थानों से अपना मार्च शुरू किया.