
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश
*जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जातिवादी संकीर्ण से है दूषित,,, किया जा रहा बार बार बचाव*
*लाखों की लागत से बनी विद्यालय की बाउंड्रीवाल 15 दिन के अंदर ही टूट कर हो गई थी धराशाही*
अम्बेडकरनगर। सूबे की भाजपा सरकार को बदनाम करने में जिम्म्मेदार अधिकारी कोई कसर नही छोड रहे है। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है। और भारतीय जनता पार्टी के मंत्री विधायक सांसद से लेकर कार्यकर्ता तक ढिंढोरा पीटते हैं की प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है मीडिया जमीनी हकीकत हकीकत पर पड़ताल करती है तो जनता जनार्दन बताती है कि भ्रष्टाचार युक्त उत्तर प्रदेश चल रहा है विकास के नाम पर सिर्फ लूटपाट हो रहा है। मामले सामने आने के बाद उन पर कार्यवाही करने बजे भ्रष्टाचारियों को बचाने में लग जाते हैं। वही दूसरी तरफ जनपद के शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर जिम्म्मेदार द्वारा पर्दा डालने का कार्य किया जा रहा है। ताजा मामला कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय जाफरगंज का है। इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिवसागर के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023- 24 में कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय जाफरगंज के विद्यालय प्रबंध समिति के खाते से 120 मी. बाउंड्रीवाल के नवीन निर्माण हेतु चार लाख 42 हजार रुपया विभाग द्वारा भेजा गया था। जिसका निर्माण कार्य इंचार्ज प्रधानाध्यापक के द्वारा कराया गया था। लाखों की लागत से बनी बाउंड्री वॉल 15 दिन के अंदर ही टूट कर धराशाही हो गई थी।
मामले में जिला समन्वयक निर्माण एंव खंड शिक्षा अधिकारी अकबरपुर
द्वारा अपनी जांच आख्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी थी।
बाउंड्रीवॉल के निर्माण कार्य में घोर लापरवाही व दिए गए निर्देशों की अवहेलना करते हुए गंभीर वित्तीय अनियमितता बरतने की बात सामने निकल कर आई थी। जिसके संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा पहली बार डेढ़ माह पूर्व कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिव सागर से 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित मांगा गया था लेकिन डेढ़ माह का समय बीत गया। जातिवादी मानसिकता से दूषित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह बचाव करते हुए 11 दिसम्बर 2024 को दोबारा नोटिस जारी कर इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिव सागर सिंह के द्वारा उपलब्ध कराए गए आख्या रिपोर्ट से असंतुष्टी जाहिरी कर तीन दिन के अंदर बाउंड्रीवाल के निर्माण कार्य प्रारंभ कराने के साथ साक्ष्य सहित कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली के अंतर्गत नियम 1973 के अनुसार विभागीय कार्रवाई प्रचलन में लाये जाने को कहा गया था। लेकिन 10 दिन का समय बीत गया फिर भी अभी तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया और न ही कोई कार्यवाही अमल में लाई गई है। लगातार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा बचाव किया जा रहा है आखिर ऐसे में भ्रष्टाचार पर कहां से लगाम लग पाएगा जब जिले की जिम्मेदार अधिकारी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
सवाल जिले में ऐसे पद पर बैठे जिला वेशिक शिक्षा अधिकारी नहीं उठाते फोन ,,, फोन भी बताता है नॉट रीचेब
सुबह के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी का सख्त निर्देश है कि मीडिया को सम्मान और अपनी बातों को सझा करें लेकिन ऐसा क्या है जो मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं जिले के जिम्मेदार अधिकारी कहीं ऐसा तो नहीं की जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के सर पर होता है भ्रष्टाचार ऐसे बहुत से सवाल मीडिया और जनता में चर्चा का विषय बना रहता है इस संबंध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो फोन से वार्ता नहीं हो पाई।