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खापा में शिक्षा का नया सूर्योदय! विधायक डॉ. आशिष देशमुख की पहल रंग लाई, ‘मॉडल स्कूल’ को सरकार की मुहर – ग्रामीण विद्यार्थियों के सपनों को मिलेंगे नए पंख*


खापा में शिक्षा का नया सूर्योदय! विधायक डॉ. आशिष देशमुख की पहल रंग लाई, ‘मॉडल स्कूल’ को सरकार की मुहर – ग्रामीण विद्यार्थियों के सपनों को मिलेंगे नए पंख

सावनेर प्रतिनिधी:सूर्यकांत तळखंडे

खापा,सावनेर दिनांक जून 2025 –
जहां इच्छाशक्ति होती है, वहां बदलाव अवश्य आता है। और जब यह इच्छाशक्ति नेतृत्वकर्ता में हो, तो पूरे समाज की तस्वीर बदल जाती है। खापा जैसे अर्धशहरी परिसर के लिए यह सप्ताह एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बन गया है। स्थानीय विधायक डॉ. आशिष देशमुख के अथक प्रयत्नों से यहां ‘मॉडल स्कूल’ की स्थापना को शासन की औपचारिक मंजूरी मिल गई है – एक ऐसा विद्यालय जो न केवल खापा बल्कि आसपास के पूरे परिसर की शिक्षण गुणवत्ता को एक नई ऊँचाई देगा।

खापा, सावनेर, गोंडखैरी, गुमगांव जैसे क्षेत्रों में हजारों विद्यार्थी हैं, जिनकी प्रतिभा तो अपार है, पर उन्हें उचित सुविधा, प्रशिक्षित शिक्षक, आधुनिक साधन और मूल्याधारित शिक्षा की बेहद आवश्यकता है। कई अभिभावक आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं कि वे अपने बच्चों को बड़े शहरों के नामांकित स्कूलों में भेज सकें। ऐसे में ‘मॉडल स्कूल’ उनके लिए वरदान साबित होगा। इस योजना में केवल इमारत नहीं, बल्कि शिक्षा की पूरी परिकल्पना बदली गई है। बच्चे केवल परीक्षा पास करने वाले यंत्र नहीं बनेंगे – वे नेता, संवेदनशील नागरिक, और सपनों को साकार करने वाले बनेंगे।

इस विद्यालय में विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासरूम्स, अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लॅब, पुस्तकालय, खेल का मैदान, नैतिक शिक्षा, संस्कार शिबिर, पर्यावरण जागरूकता, कला, संगीत, स्वच्छता, और सामाजिक उपक्रम जैसे अनेक संसाधन एकत्रित रूप से प्राप्त होंगे। यह विद्यालय एक ऐसे भविष्य की नींव रखेगा जहाँ से निकलने वाले विद्यार्थी केवल अच्छे मार्क्स नहीं, बल्कि अच्छे नागरिक भी बनेंगे – जिम्मेदार, अनुशासित और समाजोन्मुख।

विधायक डॉ. आशिष देशमुख ने इस अवसर पर स्पष्ट कहा, “जब तक गांवों में गुणवत्तापूर्ण, मूल्याधारित और प्रगतिशील शिक्षा नहीं पहुँचेगी, तब तक देश का समग्र विकास संभव नहीं है। खापा का मॉडल स्कूल एक प्रयोगशाला नहीं, बल्कि भविष्य निर्माण का यज्ञ है।” उनके द्वारा प्रस्तुत PPT में पूरे स्कूल का प्लान, छात्रों के सर्वांगीण विकास की रणनीति, और 5 वर्षों की कार्ययोजना बेहद प्रभावशाली रही, जिसे देखते ही अधिकारियों ने तुरंत मंजूरी दे दी।

इस ऐतिहासिक निर्णय के साक्षी रहे जिल्हा परिषद नागपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री फुलचंद माने, शिक्षाधिकारी श्री प्रविण एकघणे, उपविभागीय अधिकारी श्री फुलसंगी टांक, पंचायत समिति सभापती श्री मंगेश कवडे, खापा नगर परिषद के मुख्याधिकारी श्री धनंजय लजुर्डे, और सावनेर, गोंडखैरी, खापा, गुमगांव के अनेक स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षकगण। कार्यक्रम की रूपरेखा केंद्रप्रमुख श्री ओगले और खापा नोड अधिकारी श्री लजुर्डे ने बखूबी निभाई। इस अवसर पर श्री लज, श्री महाजन, श्री खमले, सौ. मोनिका उमेडे सहित अनेक शिक्षक सक्रिय भूमिका में थे।

खापा परिसर में इस खबर के फैलते ही अभिभावकों और विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जिन माता-पिता ने कभी सोचा नहीं था कि उनके बच्चों को उनके ही गांव में ऐसा उच्च दर्जे का शिक्षण मिलेगा, वे अब आश्वस्त हैं कि भविष्य बेहतर होगा। एक स्थानीय किसान श्री रामभाऊ वाघमारे ने भावुक होते हुए कहा, “हमारे बच्चों को पहले शहर भेजने की सोचकर डर लगता था। अब वही शिक्षा गांव में आएगी – यह डॉ. देशमुख जैसे नेता ही कर सकते हैं।”

‘मॉडल स्कूल’ केवल एक स्कूल नहीं, बल्कि वह आधार है जिस पर खापा और समस्त परिसर का भविष्य रचा जाएगा। यहां से निकलने वाले विद्यार्थी आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक, कलाकार, उद्यमी और शायद कोई विधायक या सांसद भी बनें – पर वे सबसे पहले होंगे समाज के जागरूक और जिम्मेदार नागरिक। विधायक डॉ. आशिष देशमुख की यह पहल आने वाले समय में महाराष्ट्र के अन्य गांवों के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बनेगी।

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