
स्कूलों में मनाया जा रहा है प्रवेश उत्सव और बच्चे/पालक भटक रहे हैं प्रवेश के लिए
एक सवाल :-
क्या बच्चे अपनी पसंद के स्कुल में नहीं पढ़ सकते ?
क्या अपनी रूचि अनुसार विषय चयन नहीं कर सकते ?
जबरन कोई भी विषय पढ़ने के लिए छात्र मजबूर
क्या सही है…
धमतरी – छत्तीसगढ़ में 15 जून से स्कूल फिर से खुल गई है। गर्मी की छुट्टियां 25 अप्रैल से 15 जून तक थीं, इसलिए 16 जून से स्कूल फिर से शुरू हो गई है। नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है और इस अवसर पर पूरे प्रदेश में शाला प्रवेशोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है ।इस उत्सव का उद्देश्य न केवल बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करना है, बल्कि शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने और शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करना भी है। इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में जनांदोलन का रूप देने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।गुरूवार को शासकीय आत्मानंद, श्रृंगी ऋषि उत्कृष्ठ इंग्लिश मीडियम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगरी में नव प्रवेशी बच्चों के प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया औरबच्चों का 10 रुपय वाला डेरी मिल्क चॉकलेट खिलाकर स्वागत किया गया. कुछ बच्चे प्रवेश के लिए भटकते नजर आए, स्कूल प्रारंभ होने के दिन से बच्चे अपने पालकों के साथ स्कूल का चक्कर काटते नजर आये.स्कूल प्रशासन दुनिया भर के नियम कायदे बताकर प्रवेश देने में असमर्थता जता रहे हैं,और प्रवेश नहीं हो सकता कहकर बच्चों को निराश कर रहे हैं..।
मामला :-छात्र चंद्रहास साहू, नव ज्योति विद्या मंदिर, सांकरा से प्रथम श्रेणी में कक्षा आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आगे की कक्षा 9 की पढ़ाई नगरी के शासकीय आत्मानंद श्रृंगी ऋषि स्कूल में करना चाहता है, छात्र अपने पालक के साथ संस्था के प्राचार्य से मिलकर प्रवेश के लिए आवेदन देने गया तो स्कूल प्रशासन द्वारा यह कहकर लौटा दिया गया की छात्र नगर पंचायत नगरी निवासी नहीं है इसलिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा.।
दूसरा मामला भी सामने आया है जिसमें कन्या शाला नगरी से दसवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र निकेश साहू जो कि आगे की पढ़ाई कृषि विज्ञान विषय में करना चाहता है और नगरी विकास खंड में इस विषय की पढ़ाई एकमात्र स्कूल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सांकरा में ही उपलब्ध है, छात्र जब कृषि विज्ञान विषय में प्रवेश लेने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सांकरा पहुंचा तो विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने यह कहकर लौटा दिया की नगरी वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.।
प्रश्न यह उठता है नगरी के अन्य स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे कृषि विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई करने का अधिकार नहीं है.
यह सरासर स्कूल प्रशासन की मनमानी का मामला है.
बच्चों के भविष्य को प्रभावित करने का प्रयास है, बच्चों को जिस विषय में रुचि है, उसे वही विषय पढ़ने दिया जाना चाहिए ताकि बेहतर भविष्य बन सके, ना की स्कूल मनमानी कर बच्चों को जबरदस्ती जिस विषय में उन्हें रुचि नहीं है उसे पढ़ने पर मजबूर करें.
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी-के आर साहू – कृषि विज्ञान विषय में छात्र को प्रवेश दिया जाएगा.जन भागीदारी समिति अध्यक्ष आत्मानंद श्रृंगी ऋषि स्कूल नगरी-कमल डागा ने – इस मामले पर कहा कि मुझे जानकारी नहीं है परन्तु बच्चों का एडमिशन हो जाएगा ।
ब्यूरो चीफ
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