A2Z सभी खबर सभी जिले कीदेशनई दिल्लीविदेश
Trending

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि 21 मिलियन डॉलर ‘भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दिए गए थे जो मेरे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी को मिले.. यूएसएड पर ट्रंप का बयान

अमेरिका से 21 मिलियन डॉलर लिए या नहीं?’पीएम मोदी बताएं, ट्रम्प के बयान का श्वेतपत्र पर जवाब दे सरकार..

अमेरिकी संस्था यूएसएड की फंडिंग को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों से भारत में शुरु हुआ बवाल थमा भी नहीं है कि ट्रम्प ने एक और बयान दे दिया। पहले उन्होंने कहा था कि अमेरिका से मिले 21 मिलियन डॉलर का मकसद किसी और को चुनाव जिताना था। उनके इस बयान पर विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया थी कि यह बयान बेहद परेशान करने वाला है। लेकिन अब (शुक्रवार 21 फरवरी को) ट्रम्प ने इस मामले पर ताजा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 21 मिलियन डॉलर ‘भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दिए गए थे जो मेरे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी को मिले थे।‘

ट्रम्प ने यह बयान गवर्नर्स वर्किंग एसोसिएशन की बैठक में दिया है। इस बैठक में उन्होंने अपनी सरकार द्वारा सरकारी खर्चों में की जा रही कटौती के बारे में बात की। ट्रम्प अपने साथ एक कागज लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि, “मैं अपने साथ पूरी सूची लेकर आया हूं, जिसमें DOGE के बारे में आपने बात की है। और यह नाम हैं जिन्हें मुझे लगता है कि मैं पढ़ सकता हूं।”

ट्रम्प ने युगांडा, मोजाम्बीक और सर्बिया का नाम भी लिया, और फिर CEPPS (कंसोर्शियम ऑफ इलेक्शंस एंड पॉलिटिकल प्रोसेस स्ट्रेंथनिंग) का जिक्र किया जिसके तहत अमेरिका 486 मिलियन डॉलर बांटे थे। उन्होंने कहा कि इसमें से 22 मिलियन डॉलर मोलदोवा को दिए गए।

इसके बाद उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा, “….और 21 मिलियन डॉलर मेरे दोस्त भारत में प्रधानमंत्री मोदी को मिले, वोटर बढ़ाने के लिए….हम भारत मे वोटर टर्नआट के लिए 21 मिलिनय डॉलर दे रहे हैं…हमारा क्या, मैं भी वोटर टर्नआउट चाहता हूं…” यह शायद पहली बार है जब ट्रम्प ने यूएसएड द्वारा भारत को दिए गए 21 मिलियन डॉलर के मामले में किसी का नाम लिया है।

अभी दो दिन पहले 19 फरवरी को ट्रम्प ने सऊदी अरब के समर्थन वाली फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव इंस्टीट्यूट की मायमी में हुए सम्मेलन में कहा था कि भारत में जो पैसा गया वह किसी और को जिताने के लिए था। इस सिलसिले में पहली बार इलॉन मस्क की अगुवाई वाली DOGE ने 16 फरवरी को एक सूची शेयर की थी जिसमें सीईपीपीएस को वित्तीय मदद बंद करने का ऐलान किया गया था।

इसके फौरन बाद बीजेपी ने दावा किया था कि इस ऐलान से साबित हो गया है कि मोदी सरकार को बेदखल करने के लिए विदेशी शक्तियों ने कोशिश की थी। विपक्ष ने इस घोषणा की जांच की मांग करते हुए इसे ट्रम्प की कोरी बकवास करार दिया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 20 फरवरी को किए गए एक्स पोस्ट में कहा था कि, “भारत सरकार इस मामले पर श्वेत पत्र लेकर आए जिससे सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को मिल रही वित्तीय मदद का जिक्र हो।”

पूरे मामले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार को इस बाबत जानकारी है। उन्होंने इसे “परेशान करने वाला” बताते हुए कहा था कि इससे भारत के अंदरूनी मामलों में विदेशी दखल को लेकर चिंता बढ़ गई है। इस सिलसिले को जरूरी एजेंसियां और विभाग देख रहे हैं। लेकिन फिलहाल इस मुद्दे पर सार्वजनिक टिप्पणी करना मुनासिब नहीं है। ट्रम्प के ताजा बयान पर भारत सरकार की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

ध्यान रहे कि शुक्रवार को इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में कहा था कि ट्रम्प ने दावा किया है कि यूएसएड के 21 मिलियन डॉलर भारत को नहीं बल्कि बांग्लादेश को दिए गए थे। विदेश मंत्रालय ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

उधर वाशिंटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में शनिवार को कहा कि इस बाबत कोई सबूत नहीं मिला है कि यूएसएड के 21 मिलियन डॉलर को भारत में वोटर टर्नआउट या किसी और मकसद के लिए इस्तेमाल किया गया। अखबार ने सीईपीपीएस के लिए कामकाज की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से कहा कि हम इस खुलासे और दावे पर अचंभित है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के USAID को लेकर किए गए दावे के बाद भारत की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शनिवार (22 फरवरी, 2025) को सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल पूछा कि पीएम मोदी ये बताएं कि अमेरिका से 21 मिलियन डॉलर लिया या नहीं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 21 मिलियन डॉलर हमने अपने दोस्त नरेंद्र मोदी को दिया है. वोटर टर्न आउट बढ़ाने के लिए भारत को 21 मिलियन डॉलर दिया गया. ये 21 मिलियन डॉलर कहां गए? क्या इसी पैसे से वोटिंग टर्न आउट बढ़ जाता है?’

सरकार बताए किसे मिली अमेरिका से मदद’

उन्होंने आगे कहा, ‘इंडियन एक्सप्रेस ने खुलासा किया कि 21 मिलियन डॉलर भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश गया. वाशिंगटन पोस्ट की खबर है कि उनकी जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला. 2001–2024 के बीच USAID ने लगभग 113 करोड़ रुपये सालाना के हिसाब से पैसा भारत भेजा. इनमें से 44% मोदी सरकार के समय आया. क़रीब 40% कांग्रेस सरकार के समय आया. इसमें से एक चौथाई रकम बीते चार साल में आई. सरकार बताए कि USAID का पैसा किसे मिला?’

कांग्रेस ने की श्वेत पत्र की मांग

USAID पर जारी सियासत के बीच डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के आधार पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा और एक बार फिर श्वेत पत्र की मांग की, कांग्रेस ने पूछा – पीएम बताएं कि उन्होंने अमेरिका से 21 मिलियन डॉलर लिए या नहीं? सरकार श्वेत पत्र जारी कर बताए कि सत्तर सालों में USAID ने किस किस संगठन को कितना पैसा दिया.

श्री खेड़ा ने कहा,”ट्रम्प के इस बयान के बाद आज भाजपा में चारों तरफ चुप्पी है लेकिन हम श्री मोदी से जानना चाहते हैं कि ये पैसा कहां गया। ट्रम्प के बयान से साफ है कि 21 मिलियन डॉलर यानी करीब 181 करोड रुपये श्री मोदी को दिया गया है। यह फंड चुनावों को प्रभावित करने और वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए। हम लगातार वोटर टर्नआउट के बारे में सरकार से सवाल कर रहे हैं और अब पूछ रहे हैं कि क्या इसी पैसे से वोटर टर्न आउट बढ़ रहा है। कितना भी विदेशी फंड आए वह भारत के लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर पाएगा।”

उन्होंने कहा,“ वर्ष 2001 से 2024 तक भारत को 2.1 अरब डॉलर मिले हैं। इस राशि का 44.4 प्रतिशत मोदी सरकार बनने के बाद आया है और 40 प्रतिशत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय आया गया था इसलिए इस मामले में श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए कि भारत में अमेरिका से कब और कितना पैसा आया और किस-किसको यह पैसा गया इस पूरे विवरण के साथ श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए। इस श्वेत पत्र में कोविड तथा नोटबंदी के समय भी जो पैसा आया है उसका पूरा हिसाब सबके सामने आए इसीलिए हम सरकार से यूएसएड को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं।”

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
Back to top button
error: Content is protected !!