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आनंद देवांगन आत्महत्या मामला – मानसिक शोषण, प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की खामोशी की भयानक कीमत

जिला ब्यूरो चीफ सुखदेव आजाद
जिला जांजगीर-चांपा ग्राम पंचायत भिलाई (बलौदा क्षेत्र)

क्या इंसाफ की उम्मीद में एक युवक को अपनी जान देनी पड़ेगी?

जिला जांजगीर-चांपा जिले जांजगीर चांपा के बलौदा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत भिलाई का 27 वर्षीय युवक आनंद देवांगन आज हमारे बीच नहीं है। शनिवार को उसने दाधापारा रेलवे स्टेशन पर चलती मालगाड़ी के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। लेकिन ये कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि समाज, रिश्तेदारी, प्रशासन और पुलिस की बेपरवाही से जन्मी एक भयावह त्रासदी है।

मरने से पहले 29 मिनट का वीडियो – न्याय के लिए चीखता रहा आनंद
आत्महत्या से ठीक पहले आनंद ने यूट्यूब पर 29 मिनट का वीडियो अपलोड किया, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से बताया कि किस तरह उसकी मानसिक हत्या की गई। उसने जिन लोगों पर आरोप लगाया है, उनमें उसकी पत्नी शुभी देवांगन, ससुर देवी देवांगन , डेढ़सास फुलेश्वरी देवांगन, पुनीता देवांगन, शिवा ससुराल पक्ष के लोग और चांपा के रमा क्लॉथ स्टोर का संचालक संजू उर्फ संजय थावानी शामिल हैं।

इस वीडियो में आनंद कहता है,

इन लोगों ने मेरी जिंदगी नरक बना दी। कोई मेरी बात सुनने को तैयार नहीं। पुलिस तक मेरा आवेदन नहीं लेती। अब मेरे पास मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।”

मुख्य आरोपी – संजू थावानी और ससुराल पक्ष

आनंद ने जिन लोगों पर सीधे आरोप लगाए हैं, वे हैं:

पत्नी: शुभी देवांगन

ससुर: देवी देवांगन

सास: फिरतिन बाई

बड़ी साली: भुनेश्वरी और पुनीता

भुनेश्वरी के पति केशव

पुनीता मंगेतर शिवा

शुभी देवांगन सहपाठी शिवा देवांगन

व्यापारी: संजू थावानी (रमा क्लॉथ स्टोर, चांपा)
इन सभी ने मिलकर उसे बार-बार मानसिक यातना दी, बदनाम किया और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।

पुलिस और प्रशासन की चुप्पी – एक और कातिल?

आनंद ने वीडियो में बताया कि वह बलौदा थाना में कई बार गया, लेकिन केदार नामक मुंशी ने उसका आवेदन लेने से इनकार कर दिया। सोचिए, अगर पुलिस उसकी बात समय पर सुनती तो शायद एक जिंदगी बच सकती थी।

परिजनों की मांगें – अब बहुत हो गया, हो सख्त कार्रवाई:

आनंद के परिजनों की मांगें बिलकुल जायज और इंसाफ की पुकार हैं:

आनंद के वीडियो को मुख्य कानूनी साक्ष्य माना जाए
IPC की धारा 306 के तहत तत्काल FIR दर्ज की जाए
लसंजू थावानी को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ की जाए
सभी आरोपियों के मोबाइल डिटेल्स, कॉल रिकॉर्ड्स और चैट्स की जांच की जाए
पीड़ित परिवार को आर्थिक और सामाजिक सहायता दी जाए

यह आत्महत्या नहीं – यह सिस्टम द्वारा मारा गया एक बेटा है

यह घटना उन सभी के मुंह पर तमाचा है जो कहते हैं – “आत्महत्या उसकी अपनी गलती थी”।
नहीं! आनंद मरा नहीं, मारा गया है – समाज ने, रिश्तेदारों ने, और उस सिस्टम ने जिसने उसकी चीखें अनसुनी कीं।
जनता हो जागरूक – उठे इंसाफ की लहर

यह लेख पूरे जांजगीर-चांपा जिले की जनता को झकझोरने के लिए है। अब सवाल यह है

क्या हम फिर किसी आनंद की मौत का इंतजार करेंगे?
क्या पुलिस अधीक्षक महोदय इस गंभीर मामले का संज्ञान लेंगे या प्रशासन फिर आंख मूंद लेगा?

जनता की मांग – तत्काल गिरफ्तारी और SP का दखल जरूरील

हम जिला पुलिस अधीक्षक से मांग करते हैं कि:

इस वीडियो को आधार मानते हुए तत्काल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए

बलौदा थाने में मौजूद जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर भी विभागीय कार्रवाई हो

जांच टीम का गठन कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए

आनंद की मौत – एक चेतावनी है, एक जंग की शुरुआत

इस खबर को पढ़ने के बाद हर संवेदनशील नागरिक, हर जागरूक युवा, हर पत्रकार और हर सामाजिक कार्यकर्ता को आवाज उठानी होगी।

अब अगर हम चुप रहे, तो अगला नंबर किसी और आनंद का हो सकता है।

“यह लेख आनंद देवांगन की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि और न्याय की लड़ाई की पहली पुकार है।
“हम चुप नहीं रहेंगे” – यह संकल्प अब जिले के हर नागरिक को लेना होगा।

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