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समाचार विवरण:
गाजीपुर। जिले के कुछ किसानों द्वारा साधन सहकारी समितियों पर केवल इफ्को उर्वरक वितरित होने की शिकायत पर जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार निजी उर्वरक कंपनियों द्वारा जनपद में उपलब्ध कराए जा रहे उर्वरकों का 50 प्रतिशत हिस्सा पीसीएफ (प्राइमरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन) को दिया जा रहा है, जो सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से वितरित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में जिले में निजी और सहकारी क्षेत्रों के खुदरा और थोक केंद्रों पर कुल 22,311 मैट्रिक टन यूरिया, 5,653 मैट्रिक टन डीएपी, 4,231 मैट्रिक टन एनपीके, 4,399 मैट्रिक टन एसएसपी और 1,025 मैट्रिक टन पोटाश भंडारित है। आगे भी सप्लाई प्लान के तहत नियमित आपूर्ति जारी है।
जनपद की सभी 158 समितियों पर उर्वरकों का वितरण कराया जा रहा है। साथ ही जिलाधिकारी के निर्देश पर लगातार निरीक्षण और उर्वरक के नमूने लिए जा रहे हैं। आज बोगना (विकासखंड बिरनो) की साधन सहकारी समिति और जमानियां की क्रय-विक्रय समिति का निरीक्षण किया गया, जहां कृषक उर्वरक खरीदते पाए गए।
कृषकों से अपील की गई है कि वे वैज्ञानिक सलाह के अनुरूप ही उर्वरकों का उपयोग करें और आवश्यकता से अधिक उर्वरक न खरीदें, क्योंकि इससे न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि भूमि, जल और पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। बेहतर उपज के लिए हरी खाद, कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के उपयोग को भी बढ़ावा देने की बात कही गई है।