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*!!.ऐसे कैसे स्वच्छ बनेगा छतरपुर शहर ? 5 करोड़ की मशीनें खरीदीं गई लेकिन करते नहीं ये काम: नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा स्वच्छता का नहीं रखा जा रहा ध्यान, मशीनें बनी शोपीस.!!* *नगर पालिका परिषद छतरपुर में जबरदस्त भ्रष्टाचार, सफाईकर्मियों के वेतन पर हर दिन ₹3.17 लाख हो रहे खर्च, सड़कों पर फैला कचड़ा*

*!!.ऐसे कैसे स्वच्छ बनेगा छतरपुर शहर ? 5 करोड़ की मशीनें खरीदीं गई लेकिन करते नहीं ये काम: नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा स्वच्छता का नहीं रखा जा रहा ध्यान, मशीनें बनी शोपीस.!!* *नगर पालिका परिषद छतरपुर में जबरदस्त भ्रष्टाचार, सफाईकर्मियों के वेतन पर हर दिन ₹3.17 लाख हो रहे खर्च, सड़कों पर फैला कचड़ा*

प्रेस विज्ञप्ति
छतरपुर मध्यप्रदेश

*!!.ऐसे कैसे स्वच्छ बनेगा छतरपुर शहर ? 5 करोड़ की मशीनें खरीदीं गई लेकिन करते नहीं ये काम: नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा स्वच्छता का नहीं रखा जा रहा ध्यान, मशीनें बनी शोपीस.!!*
*नगर पालिका परिषद छतरपुर में जबरदस्त भ्रष्टाचार, सफाईकर्मियों के वेतन पर हर दिन ₹3.17 लाख हो रहे खर्च, सड़कों पर फैला कचड़ा*
*पंकज पाराशर छतरपुर✍️*
मध्य प्रदेश में नगर पालिका परिषद छतरपुर ने 5 करोड़ रुपये की मशीन खरीदी थी । वह मशीनें शोपीस बनी हुई हैं । ऐसा इसलिए है क्योंकि जो मशीन खरीदी गई थी, वह इतनी आधुनिक है कि इनको चलाने के लिए नगर पालिका परिषद छतरपुर में ड्राइवर ही नहीं है । इसी प्रकार से पहले भी कई मशीन खरीदी गई, लेकिन शो पीस में रखी रखी सारी कबाड़ हो गई । अगर इन मशीनों का भी उपयोग नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह भी कबाड़ का रूप ले लेंगे । नगर पालिका परिषद छतरपुर में अधिकारियों की कमीशन खोरी की वजह से यह मशीन खरीदी गई थी । इनके उपयोग से शहर में स्वच्छता की राह बेहतर हो सकती है ।
*कई करोड़ हो रहे खर्च लेकिन कोई फायदा नहीं*
छतरपुर शहर में 40 वार्डों की सफाई का जिम्मा नगर पालिका के 678 सफाई कर्मचारियों पर हैं । इनके वेतन पर हर महीने करीब एक करोड़ रुपये खर्च होता है । लॉगबुक में कचरा वाहनों पर हर महीने लाखों रुपये का डीजल फूंका जा रहा है । बावजूद इसके शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर आए दिन सवाल खड़े हो रहे हैं । संख्या के हिसाब से हर वार्ड में दस से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए लेकिन, हालात इससे बहुत अलग हैं । वार्ड चाहे बड़ा हो या छोटा, सभी जगह अमूमन 2 से 3 सफाईकर्मी ही लगे हैं । सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदों में भी नाराजगी है।
बता दें कि वर्ष 2022-23 के स्वच्छता सर्वेक्षण में छतरपुर को कुल 7500 अंकों में से 4510 अंक मिले थे। धूल मुक्त और कचरा मुक्त शहर के लिए 1250 अंक तय किए थे । इसमें छतरपुर को जीरो नंबर मिले थे हालांकि, वर्ष 2024-25 में जिले को श्री स्टार रेटिंग मिली थी । लेकिन, इस पर लोग आश्चर्य जता रहे थे ।
*जहां तहां पड़ा रहता कचड़ा*
मॉनिटरिंग के अभाव में छतरपुर में सफाई अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है । 50 कचरा वाहन होने के बावजूद डोर-टू-डोर वाहन नहीं पहुंच रहे हैं । इस वजह से वार्ड में जहां तहां गंदगी के अंबार लगे हैं । वार्ड प्रभारी सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं ।
*सड़कों पर फैला पड़ा कचड़ा*
एक नजर में छतरपुर के सफाई कर्मचारी स्वच्छ भारत मिशन में कार्यरत -49 स्वच्छता मस्टर-29 संविदा में स्वच्छतामस्टर – 338 स्वच्छता शाखा में नियमित-94, स्थाई कर्मचारी-60 विभित गैंगों सर्वे के रूप में कार्यरत-108
*सफाईकर्मियों के वेतन पर हर दिन ₹3.17 लाख खर्च*
नगर पालिका परिषद छतरपुर में सफाई कर्मियों के वेतन पर रूक में हर माह 95 लाख, 39 हजार 592 रुपए खर्च होते हैं । वाहन, डीजल और अन्य खचे अलग से इसमें जुड़ते हैं । वाहनों और डीजल खर्च पर शासकीय राशि पर कमीशन भी निकाला जाता है ।

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