
जिला ब्युरो गोपाल रावडिया मारु की रिपोर्ट मो.9993454360
धार। जिले की सरदारपुर तहसील क्षेत्र मे स्थित खरमौर अभ्यारण सरदारपुर तहसील मे विकास कार्यो मे हमेशा रोड़ा बनता नजर आता है। पेयजल योजना हो या सड़क निर्माण या फिर रेल लाइन । नियमों की इतनी जटिलता है की खरमौर अभ्यारण क्षेत्र मे निर्माण के दौरान वन विभाग से अनुमति लेना काफी टेढ़ी खीर ही साबित होता है।
इंदौर-अहमदाबाद मार्ग को जब फोरलेन मे तब्दील किया गया तो एक दशक से भी अधिक समय तक अभ्यारण क्षेत्र मे सड़क का निर्माण नहीं हो पाया था वही जब सड़क बनी तो जटिलता इतनी थी की सडक निर्माण कंपनी को कई दिक्कतों से रूबरू होकर निर्माण पुर्ण करना पडा।सर्वे मे निकले पत्थरों के नमुनो को एकत्रित किया गयाअब यही हाल शायद इस क्षैत्र से गुजरने वाली इंदौर-दाहोद रेल मार्ग का भी हो सकता है। लंबे समय से क्षैत्र के लोग रेल का सपना देख रहे है लेकिन यह करीब डेढ दशक पुर्व जब यूपीए सरकार के दौरान इस रेल मार्ग निर्माण का भूमिपूजन किया गया था तो क्षेत्र के लोगों को आशा थी की जल्दी ही रेल दौडेगी लेकिन डेढ़ दशक बाद भी यह योजना मूर्त रूप नही ले पाई है। और सरदारपुर तहसील क्षेत्र के खरमौर अभ्यारण के कारण इस योजना को पुर्ण होने मे और समय लग सकता है।वैसे सूत्रों की माने तो खरमौर अभ्यारण के बजाय सरदारपुर तहसील में इंदौर-दाहोद रेल मार्ग का रूट चेंज हो सकता है। दुसरे मार्ग को लेकर पिछले कुछ माह से तेज गति से सर्वे कार्य भी हो रहा है। सरदारपुर तहसील के बोदली गांव के निकट एंव सरदारपुर-बदनावर मार्ग पर मौलाना फाटे से कुछ आगे सर्वे कार्य जारी है।सर्वे करने वाले कर्मचारियों ने बताया की रेलवे के ब्रिज के लिये सर्वे कार्य कर रहे है। जमीन की 35 फीट गहराई तक सर्वे किया जाकर जमीन मे से निकाले गए पत्थरों के नमुनो को एकत्रित किया गया है। कर्मचारियों ने बताया की क्षेत्र मे तय दूरी पर अलग-अलग टीमें सर्वे कर रही है। कही पर जमीन के भीतर 30 फिट तो कही पर 50 फीट से अधिक गहराई तक सर्वे कार्य किया जा रहा है।खैर जो भी हो लेकिन इतना तो तय है की रेल विभाग सरदारपुर तहसील में रेल मार्ग पर खरमौर अभ्यारण के दौरान आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिये दुसरे मार्ग के विकल्प के तौर पर तैयार रख रहा है।