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गत 5 वर्ष बजट में अग्रणी रहने वाला चित्तौड़गढ़ जिला एवं निंबाहेड़ा विधानसभा इस बार रहे खाली हाथ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

राजस्थान सरकार का बजट एक खाली जादुई पिटारा जिसमें जनता के लिए कोई सौगात नहीं :पूर्व सहकारिता मंत्री आंजना

गत 5 वर्ष बजट में अग्रणी रहने वाला चित्तौड़गढ़ जिला एवं निंबाहेड़ा विधानसभा इस बार रहे खाली हाथ

शायद लोकसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार का बदला प्रदेशवासियों से ले रही भजनलाल सरकार

 

निंबाहेड़ा। राजस्थान विधानसभा में आज प्रदेश की उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने राजस्थान सरकार का बजट पेश किया, उक्त बजट प्रदेश की जनता के लिए एक खाली जादुई पिटारे जैसा साबित हुआ। बजट में प्रदेश की जनता को ना तो कोई अनुकरणीय सौगात मिली और ना ही भविष्य का कोई रोड मैप जनता को दिखाया जा सका।

 

पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने राजस्थान सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा अपने वित्तीय सलाहकारों से चर्चा करके तैयार किया गया बजट पूर्णरूप से दिशाहीन एवं आधारभूत ढांचे को मजबूत न करने वाला साबित हुआ। उक्त बजट में ना तो प्रदेशवासियों को किसी तरह की कोई नवीन सौगात मिली और ना ही भविष्य की चुनौतियों से लड़ने एवं आधारभूत विकास को मजबूत करने हेतु कोई रोड मैप सरकार द्वारा दिखाया जा सका। वर्ष 2018 से 23 तक कांग्रेस सरकार द्वारा आम जनता से चर्चा कर राजस्थान का बजट तैयार किया जाता था जिससे जनता की समस्या हल करने वाली सौगाते बजट के माध्यम से प्रदेशवासियों को मिलती थी परंतु भाजपा सरकार द्वारा केवल वित्तीय सलाहकारों से चर्चा करके बजट तैयार किया गया है जो प्रदेशवासियों की उम्मीद पर खरा नहीं उतरा। उक्त बजट में उपमुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2047 की बाते की गई है परंतु वर्ष 2024-25 में प्रदेश को कैसे मजबूत किया जाएगा, किस दिशा में कार्य किया जाएगा इसको लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है जो निराशाजनक है। राज्य सरकार द्वारा अपनी सभी नाकामियों को गत कांग्रेस सरकार पर डालने का कुंसित प्रयास किया गया है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है।

 

पूर्व मंत्री आंजना ने कहा कि गत पांच वर्षों में हर बजट में चित्तौड़गढ़ जिला एवं निंबाहेड़ा विधानसभा का अग्रणी स्थान रहते थे, जिसमें चित्तौड़गढ़ जिले को बहुप्रतीक्षित राजकीय मेडिकल कॉलेज सहित विभिन्न विधानसभाओं में राजकीय महाविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, कन्या महाविद्यालय, चंबल एवं जाखम बांध पेयजल योजना, ट्रॉमा सेंटर सहित अन्य बड़ी सौगातें तो मिली ही साथ ही निंबाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र को अरबो रुपए के विकास कार्य जिसमें निंबाहेड़ा उप जिला चिकित्सालय का जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नयन, 105 करोड़ की पेयजल परियोजना, 55 करोड़ लगात से जिला चिकित्सालय के भवन का निर्माण, छोटीसादड़ी में नवीन हॉस्पिटल, धौलापानी में सीएचसी, लसडावन-सतखंडा इत्यादि क्षेत्रों में सीएचसी, निंबाहेड़ा में राजकीय नर्सिंग कॉलेज, छोटीसादड़ी एवं निंबाहेड़ा में राजकीय आईटीआई, छोटीसादड़ी में रिको उद्योगिक क्षेत्र की स्थापना, निंबाहेड़ा से मंगलवाड़ तक 200.50 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क की स्वीकृति, बाड़ी बांध/गंभीरी बांध एवं कनेरा के भावलिया बांध से किसानों हेतु सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, करोड़ो रुपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्र में मिसिंग लिंक सड़कों सहित केसुंदा से छोटीसादड़ी होते हुए बड़ीसादड़ी राजमार्ग, गंगेश्वर महादेव से ढावता राजमार्ग, बांगेड़ा मामादेव से गादोला राजमार्ग, मध्यप्रदेश सीमा से मरजीवी होते हुए गोलमंगरी चौराहे तक राजमार्ग, निंबाहेड़ा से अरनिया माली सड़क चौड़ाई करण एवं नवीन पुलिया निर्माण कार्य, मध्यप्रदेश सीमा से केसुंदा होते हुए तीन मुंडा चौराहा, निंबाहेड़ा से लसडावन होते हुए सांवलिया जी तक राजमार्ग, निंबाहेड़ा एवं छोटीसादड़ी नगरपालिका क्षेत्र में लगभग 20 करोड रुपए की नवीन सड़कों का निर्माण सहित विभिन्न आवश्यक सौगाते मिली जिससे हमारे जिले एवं निंबाहेड़ा विधानसभा की पहचान प्रदेश में उभरी। परंतु राजस्थान सरकार के 2024 के बजट में हमारा चित्तौड़गढ़ जिले को आशानुरूप स्थान नहीं मिला, कुछ घोषणाएं आई भी तो केवल एक विधानसभा तक ही सीमित रह गई। बजट में विशेषकर निंबाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र लगभग पूरी तरीके से खाली हाथ रह गया, निंबाहेड़ा विधानसभा को इस बजट में केवल 1 पुलिया का प्रस्ताव, 1 एनीकेट जीर्णोद्धार, 1 विद्युत जीएसएस क्रमोनयन एवं 1 नवीन विद्युत जीएसएस मिले जो क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की प्रदेश सरकार में कमजोर स्थिति को साफ दर्शाता है। बजट में निंबाहेड़ा क्षेत्र की सीकरी हनुमान जी तक जाने वाले काजवे के स्थान पर पुलिया निर्माण को प्रस्तावित किया गया है, इसमें हास्यप्रद बात यह है कि इसी सप्ताह विधानसभा में स्थानीय विधायक श्रीचंद कृपलानी द्वारा उक्त काजवे के स्थान पर पुलिया निर्माण हेतु प्रश्न पूछा था तो पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा उक्त काजवे को उपयुक्त बताते हुए पुलिया निर्माण को अनावश्यक बताया था, अब स्थानीय विधायक द्वारा पुलिया निर्माण प्रस्तावित करवाना अपनी प्रतिष्ठा बचाने का प्रयास मात्र बनकर रह गया है।

 

पूर्व मंत्री आंजना ने कहा कि सीएनजी पर चार फ़ीसदी वेट घटाने, प्रत्येक विधानसभा में 5 नई आंगनवाड़ियां खोलने और आगामी 2 वर्षों में प्रत्येक विधानसभा में केवल 20 हैंडपंप और 10 ट्यूबवेल खोदने जैसी घोषणाएं ऊंट के मुंह में जीरा जैसी ही साबित होगी। साथ ही उप मुख्यमंत्री ने अगले 5 वर्षों में चार लाख नई नौकरियां देने, निजी क्षेत्र में 10 लाख रोजगार देने एवं युवा नीति बनाने की घोषणा कर युवाओं में सरकार के प्रति बढ़ रही नाराजगी को कम करने का राजनीतिक प्रयास किया है परंतु प्रदेश के युवा जानते है की भजनलाल सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा निकाली गई सरकारी भर्तियों को ही पूर्ण करने में असफल रही है तो यह 4 लाख सरकारी भर्तियां एवं 10 लाख निजी क्षेत्र में रोजगार के लक्ष्य को कैसे पूर्ण कर लेगी। भजनलाल सरकार द्वारा प्रदेश में बढ़ रही महंगाई एवं बेरोजगारी पर लगाम लगाने के लिए कोई भी ठोस घोषणा बजट के माध्यम से नहीं की गई है जिससे महिलाओं, युवाओं एवं गृहणियों में सरकार के प्रति असंतोष गहराएगा।

 

पूर्व मंत्री आंजना ने कहां की एक राज्य एक चुनाव के नाम पर राजस्थान सरकार नवंबर एवं जनवरी में आने वाले नगरीय निकाय एवं पंचायती राज चुनाव को आगे बढ़ाने हेतु प्रयासरत दिख रही है क्योंकि प्रदेश सरकार को पता है कि उनकी जन विरोधी नीतियों एवं राज्य सरकार सहित प्रदेश भाजपा में कमजोर नेतृत्व की वजह से नगरीय निकाय एवं पंचायती राज चुनाव में भाजपा की हार निश्चित है।

 

पूर्व सहकारिता मंत्री आंजना ने कहा कि जब से राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुआ है तभी से राजस्थान सरकार एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों की वजह से तीन दिशाओं में चल रही है, साथ ही राजस्थान सरकार में कमजोर नेतृत्व के चलते प्रदेश में सत्ता के कई केंद्र बन गए हैं जिससे राजस्थान सरकार पूरी तरह से दिशाहीन हो गई है। ऊपर से लोकसभा चुनाव में भाजपा के 11 लोकसभा सीटें हार जाने का दर्द भी राज्य सरकार एवं भाजपा को चैन से सोने नहीं दे रहा है शायद इन्हीं परिणाम की वजह से राजस्थान सरकार ने प्रदेशवासियों को कोई राहत नहीं देने का निर्णय लिया है जो की अमानवी तो है ही साथ ही लोकमत का अपमान भी है।

 

पूर्व मंत्री आंजना ने चित्तौड़गढ़ जिले के जनप्रतिनिधियों से निवेदन किया है कि वह चित्तौड़गढ़ जिले की सभी प्रमुख मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएं एवं उन मांगों को पूर्ण करने हेतु अपने प्रयास करें क्योंकि जनता ने उन्हें अपना मत दिया है तो उनका फर्ज बनता है की ऊंचे पद पाने की लालसा में दिल्ली की दौड़ एवं बड़े नेताओं की परिक्रमा लगाने के बजाय क्षेत्र की जनता की आवाज विधानसभा में बुलंद करें ताकि आपको मिले लोकमत का सम्मान हो।

 

 

 

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