सांचेत लोगो ने अपने घर पर किया शिव अभिषेक विनोद लोधी ने बताया । इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। बता दें कि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। भगवान शिव के अनन्य भक्त प्रत्येक मासिक शिवरात्रि को व्रत रखते हैं व श्रद्धापूर्वक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित है और उनकी पूजा करने के लिए शुभ है। लेकिन सावन मास में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है, इसे सावन शिवरात्रि या श्रावण शिवरात्रि कहते हैं। तो आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त से लेकर विधि तक के बारे में।सावन शिवरात्रि 2024 पूजा शुभ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि आरंभ – 2 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट सेचतुर्दशी तिथि समाप्त – 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट परसावन शिवरात्रि 2024 तिथि- 2 अगस्तरात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 07:11 पीएम से 09:49 पीएमरात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:49 पीएम से 12:27 एएम,रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:27 एएम से 03:06 एएम (3 अगस्त)रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:06 एएम से 05:44 एएम (3 अगस्त)निशिता काल पूजा समय – 12:06 एएम से 12:49 एएम (3 अगस्त)सावन शिवरात्रि पारण समय – 3 अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट तकसावन शिवरात्रि पूजा विधिशिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। अब मंदिर की सफाई कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें लें। फिर शिवलिंग, भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें।महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जाप करें।पूजा होने के बाद परिवार के लोगों में प्रसाद का वितरण कर दें। मासिक शिवरात्रि का महत्वमासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। कहते हैं ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चलरही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। इसके अलावा आज जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं। दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं। साथ ही अविवाहित जातक के विवाह में आ रही अड़चनें दूर हो जाती है और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्त