सीएचसी चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा, सोनोग्राफी मशीन धूल फांक रही
सरमथुरा का अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है।
नाहर सिंह मीना
सरमथुरा धौलपुर
03/अगस्त 2024
सरमथुरा. करबे से कई चिकित्सक दिल्ली सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन पैसा कमाने के लालच में इन डॉक्टरों का जन्मभूमि से ही मोहभंग हो गया है। आलम यह है कि सरमथुरा का अस्पताल चिकित्सकों के अभाव में बदहाली के आंसू बहा रहा है। अस्पताल मे स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर पहुंच गई हैं।
इलाज के नाम पर लोगों को सिर्फ तसल्ली ही मिल रही है। जबकि अस्पताल में 8 चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। वहीं 8 मेल नर्स के पद खाली है।चार चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शहर सहित पर्दैनी, वीज्ञौली, गौलारी, मदनपुर, झिरी डौमई, चंद्रावली, मढासिल ग्राम पंचायत के लोग पूरी तरह निर्भर हैं लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के अभाव में स्वास्थ्य सुविधाओं से भी बंचित रहना पड़ रहा है। अस्पताल में सिर्फ चार चिकित्सक तैनात है जो नियमित सुबह, शाम व रात में व्यवस्थाओं को संभाले हुए है। जबकि स्वास्थ्य केन्द्र पर सरकार ने सर्जरी स्त्री रोग अस्थिरोग शिशुरोग सहित मेडिसिन विभाग सहित 12 चिकित्सकों के पद स्वीकृत किया हुआ है। जबकि अस्पतल में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नही है।
अगर व्यवस्थाओं की बात करे तो फीमेल वार्ड तक अलग नहीं है। वहीं वार्ड बॉय तक का अभाव है। क्षेत्र की 50 हजार से अधिक आबादी पूरी तरह अस्पताल पर निर्भर है। हालांकि
अस्पतल में प्रतिमाह 100 के करीब प्रसव होते हैं। वहीं प्रतिदिन 500 से अधिक लोग इलाज कराने आते है। लेकिन अस्पताल में समुचित उपचार नही मिलने के कारण धौलपुर, जयपुरतक चक्कर लगा रहे है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। अस्पताल में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग की सुविधाएं सिर्फ कागजों तक सीनित हो गई है। सरकार ने प्रसुताओं के लिए कई योजनाएं भी चला रखी है लेकिन अस्पताल में चिकित्सक के अभाव में महिलाएं प्रसव कराने से कतराने लगी हैं। गंभीर अवस्था में प्रसूताओं को आनन फानन में सिर्फ रेफर कर दिया जाता है जिससे जच्या व बच्चा दोनों के लिए खतरा पैदा हो रहा है। जबकि कस्बा के लोग जिला कलेक्टर सहित मंत्री व विधायक से कई बार गुहार लगा चुके है। लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाएं नही सुधरी है।
मशीन संचालन के लिए नहीं चिकित्सक
स्वास्थ्य विभाग ने वाहवाही लूटने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की संख्या को देखते हुए सोनोग्राफी मशीन तो लगा दी, वही विधिवत उद्घाटन कर वहवाही लूट ली है। लेकिन अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन को संचालित करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्त्ति नहीं की है। जबकि सोनोग्राफी करवाने के लिए प्रसूताओं को करौली और धौलपुर जाना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की कमियों का खामियाजा प्रसूताओं को भुगतना पड़ रहा है।