धर्म-कर्म का मार्ग प्रशस्त करता है,श्रीमद्भागवत-बाबा उमापतिदास
देऊम पश्चिम स्थित बाबा बूढ़ेश्वरनाथ धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा श्रवण के लिए उमड रही भीड़
लालगंज प्रतापगढ़ : सांगीपुर इलाके के देऊम पश्चिम स्थित बाबा बूढ़ेश्वरनाथ धाम में जनकल्याण के लिए आयोजित सामूहिक संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन करते हुए कथा व्यास बाबा उमापतिदास जी महराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मानव जीवन की सार्थकता है, कारण कि सच्चा सुख केवल भगवान के श्रीचरणों में ही निहित है। भौतिकता के चक्कर में मानव भक्ति से दूर होता जा रहा है, जबकि मनुष्य को पहले धर्म और भक्ति को प्रमुखता देनी चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है, इसलिए व्यस्तता में भी समय निकालकर भागवत कथा का श्रवण और अनुश्रवण करना चाहिए। भागवत कथा सुख, समृद्धि और वैभव प्रदान करने के साथ ही कल्याणकारी है। यह एक ऐसी औषधि है, जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है।
कथा ब्यास ने कहा भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सरस वर्णन करते हुए गोपी गोपिकाओं और भगवान श्रीकृष्ण के अद्भुत प्रेम को रेखांकित किया,वहीं सुमधुर संगीत के बीच भजन से श्रोता मंत्रमुग्ध दिखे। पूतना वध, गोवर्धन प्रंसग समेत श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं की कथा से लोग भावविभोर हो चले। स्वागत रामकृष्ण मिश्र व आभार धनंजय मिश्र व्यक्त ने किया। इस पं कैलाश पति मिश्र, बृजबिहारी मिश्र, बद्री प्रसाद मिश्र, शिवमराज पांडेय,आशीष तिवारी, पप्पू भभया, उपेंद्र मिश्र, आशुतोष शुक्ला,राजेशपति मिश्र, गिरिजा शंकर शुक्ल आदि मौजूद रहे।