छत्तीसगढ़देश
Trending

रायपुर—पत्रकारों के साथ फर्जी एफआईआर और भुगतान न होने की समस्या: पत्रकार सुरक्षा की अनदेखी 

रायपुर:** छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों के सामने एक गंभीर संकट खड़ा हो गया है। पत्रकार, जो अपनी जान जोखिम में डालकर सच को सामने लाते हैं, उन पर फर्जी एफआईआर दर्ज की जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है।

 

कई मामलों में यह देखा गया है कि जब पत्रकार किसी संवेदनशील मुद्दे की रिपोर्टिंग करते हैं या बड़े मामलों का पर्दाफाश करते हैं, तो उन पर बिना किसी उचित आधार के एफआईआर दर्ज कर दी जाती है। पुलिस प्रशासन और स्थानीय ताकतवर लोग अक्सर पत्रकारों को डराने और चुप कराने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं। यह केवल पत्रकारों के अधिकारों का हनन नहीं है बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है।

 

**पेमेंट न मिलने की समस्या:**  

इससे भी बड़ी समस्या यह है कि कई पत्रकारों को उनके कार्य के बदले उचित भुगतान नहीं मिलता। कई छोटे और मझोले मीडिया संस्थानों में, फ्रीलांस और अनुबंधित पत्रकारों को न्यूज कवर करने के बाद भी उनका भुगतान समय पर नहीं किया जाता है। कई बार तो महीनों तक इंतजार करने के बाद भी उन्हें उनके परिश्रम का मुआवजा नहीं मिलता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।

 

**पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग:**  

छत्तीसगढ़ के कई पत्रकार संगठन और मानवाधिकार संस्थाएं इस मुद्दे पर आवाज उठा रही हैं। उनका कहना है कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। वे एक ठोस पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहे हैं ताकि पत्रकारों को अपने कर्तव्य का निर्वाह करने में कोई बाधा न हो।

 

**सरकार और प्रशासन की भूमिका:**  

अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार और पुलिस प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे? यदि नहीं, तो पत्रकारिता का यह स्वरूप कहीं न कहीं दबाव और खतरों के बीच खो जाएगा। पत्रकारों का कहना है कि यदि उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होता रहा तो सच को सामने लाना और जनता तक सही सूचना पहुँचाना मुश्किल हो जाएगा।

 

**निष्कर्ष:**

पत्रकारिता केवल एक पेशा नहीं है; यह एक समाजिक जिम्मेदारी है। यह जरूरी है कि जो लोग इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं, उन्हें सम्मान और सुरक्षा मिले। फर्जी एफआईआर और पेमेंट न मिलने जैसी समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाना चाहिए ताकि पत्रकार स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपना कार्य कर सकें। सरकार को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

Back to top button
error: Content is protected !!