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फर्जी बिल से दुआरी सचिव कर रहे करोड़ों के वारे न्यारे

सीधी जिले का मामला

सीधी। पंचायत सचिव मामा ने भांजे के साथ मिलकर एक फर्जी फर्म बनाई लेकिन उसका नाम मामा भांजा एंड संस रखने की बजाय महादेव काँट्रक्शंस एंड सप्लायर रखा और फिर उसी फर्जी फर्म के फर्जी बिल के जरिए अपनी ग्राम पंचायत में मैटेरियल सप्लाई के नाम पर करोडो रुपए का वारा न्यारा कर डाला।

आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी के ग्राम पंचायत दुआरी में पदस्थ पंचायत सचिव विजय कुमार शुक्ला ने महादेव कंस्ट्रक्शन पुलिस लाइन सीधी से लाखों रुपए के निर्माण सामग्री पंचायत के लिए खरीदी लेकिन यह खरीदी पूरी तरह से कागजी निकली और जो निर्माण हुए वह भी कागज की तरह बह गए। ग्राम पंचायत दुआरी में ई भुगतान आदेश क्रमांक 3201474 दिनांक 15 जुलाई 2024 को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निर्माण के लिए महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर को 84000 रुपए का भुगतान किया गया। ई भुगतान आदेश क्रमांक 2904895 दिनांक 11 जुलाई 2023 को उप स्वास्थ्य केंद्र दुआरी से कन्या आश्रम तक नाली निर्माण की सामग्री की खरीदी के लिए 361500 का भुगतान किया गया है। उक्त बिल में पांच ट्रिप बालू का भुगतान 2500 की दर से 125000 किया गया है । इतना ही नहीं तथाकथित 200 बोरी सीमेंट की खरीदी का भुगतान 365 रुपए की दर से 75000 किया गया जबकि बार-बार जोड़ने पर भी जोड़ 73000 से आगे नहीं बढ़ रहा है। इसी ई भुगतान आदेश में महादेव कंट्रक्शन एंड सप्लायर को 25000 का एक और भुगतान किया गया है और इस भुगतान की खसियत यह है कि इस बिल में यह लिखा ही नहीं गया है कि वास्तव में खरीदा क्या गया है केवल बिल लगाकर 25000 अंदर कर लिए गए हैं। ई भुगतान आदेश क्रमांक 2904038 दिनांक 10 जुलाई 2023 को 211000 का भुगतान फिर से महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर को उप स्वास्थ्य केंद्र दुआरी से कन्या आश्रम तक नाली निर्माण की सामग्री की खरीदी के लिए किया गया है। इस बिल पर गौर किया जाए तो 200 बोरी सीमेंट 3652की दर से 73000 रुपए, 20 ट्रिप बालू 2500 की दर से 250000 में खरीदी गई है। इसी ई भुगतान में 25-25 हजार रुपए के दो और भुगतान किए गए हैं लेकिन दोनों ही बिलों में खरीदी गई सामग्री का उल्लेख नहीं है। ई भुगतान आदेश क्रमांक 2837999 दिनांक 29 अप्रैल 2023 को 105000 का भुगतान महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर को किया गया है लेकिन उक्त बिल में किसी भी तरह की सामग्री का उल्लेख किए जाने की बजाय सार्वजनिक शौचालय निर्माण ग्राम दुआरी लिखा गया है अब यह हो सकता है कि मामा ने भांजे को सार्वजनिक शौचालय के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी हो इसलिए सामग्री की बजाय शौचालय का ही भुगतान कर दिया। महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर के बिलों की खासियत यह है कि इनके किसी भी बिल में ना तो बिल क्रमांक है और ना ही बिल जारी करने की तारीख अंकित की गई है। ऐसी छोटी-छोटी गड़‌बड़ियां बड़े-बड़े कामों में हो जाती हैं जो आगे चलकर गले की फांस बन जाती है। महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर के बिलों में भले ही कोई क्रमांक अंकित नहीं है लेकिन ई भुगतान आदेश मे सचिव ने विल क्रर्माक का बखूबी मेंशन किया है, लेकिन यहां भी उनसे चूक हो गई। महादेव कंसट्रेशन एंड सप्लायर को ई भुगतान आदेश क्रमांक 2904038 का भुगतान 10 जुलाई 2023 को किया गया जिसमें बिल क्रमांक 15 और 53, 54 दर्ज किया गया वहीं ई भुगतान आदेश क्रमांक 2904895 में 11 जुलाई 2023 को भुगतान किया गया जिसमें बिल क्रमांक 31 और 32 दर्ज किया गया यानी की एक दिन बाद भुगतान किए गए बिल का क्रमांक कम और पहले भुगतान किए गए बिल का क्रमांक अधिक है इससे भी बड़ी बात तो यह है कि 15 जुलाई 2024 को जिस बिल का भुगतान किया गया उसका क्रमांक 289 दर्ज किया गया है यानी की चार दिन में ही बिल क्रमांक 32 से बिल क्रमांक 289 तक का सफर महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर ने किया है।फर्जी ही सही लेकिन महादेव कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर के जिन बिलों का भुगतान किया गया है उनमें फर्म का पता पुलिस लाइन सीधी दर्ज है लेकिन इस पते पर इस नाम की कोई फर्म है ही नहीं। हमने बिल में अंकित मोबाइल नंबर पर जब संपर्क किया तो फोन उठाने वाले ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि उनका गोदाम खैरा में है लेकिन दुकान का सही पता वह नहीं बता सके। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक फर्जी फर्म बनाकर किस तरह से पंचायत सचिव लोक धन का दुरुपयोग और गबन कर रहे हैं फिर भी जिम्मेदार अपनी आंखें बंद किए हुए हैं।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुमान राज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच एवं कार्रवाई की बात कही है।

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