पीलीभीत। जनपद में अगर कोई किसान खेतों में पराली जलाता है तो पूरा प्रशासन अमला किसान पर मुकदमा दर्ज करने पर आमादा हो जाता है। किसान की सारी सरकारी सुविधाओं को बंद करने पर प्रशासन जोर देता है। जिससे किसान खेतों में पराली ना जलाये। लेकिन वहीं शहर में कूड़े के ढ़ेर में लगी आग किसी प्रशासनिक अधिकारी की नजर में नहीं आ रही है। किसानों को सीख और कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है, लेकिन शहर में हाईवे के किनारे पूरे दिन कूड़ा जलाया जाता है। शहर में बस अड्डे के सामने भी कूड़ा जलता है। बताते हैं कि यह कूड़ा नगरपालिका की ओर से जलाया जा रहा है। जलते कूड़े से बढ़ रहे प्रदूषण को जिम्मेदार नजरअंदाज कर रहे हैं।
वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली जलाने पर रोक है। प्रशासन आए दिन किसानों को पराली न जलाने की सीख देता है। पराली जलाने की घटनाओं पर कार्रवाई भी की जाती है। मगर शहर से जहानाबाद जाने वाली सड़क के किनारे नगरपालिका द्वारा डाला गया कूड़ा पूरे दिन जलता रहता है।
हाईवे के किनारे बने कूड़ा डंपिंग प्वाइंट से लोक निर्माण विभाग भी बेखबर है। पीलीभीत से पूरनपुर जाने वाली सड़क के किनारे भी कूड़ा डाला जा रहा है। यहां भी पूरे दिन कूड़े से धुंआ उठता रहता है।
शहर में बस अड्डे के सामने भी कूड़ा डाला जाता है। यहां भी पूरे दिन कूड़ा जलता रहता है। इस स्थान पर कई होटल हैं। प्रदूषण बढ़ा रहे इस जलते कूड़े को लेकर नगरपालिका और जिला प्रशासन मौन है।
डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि अभी इस तरह का मामला संज्ञान में नहीं आया है। अगर इस तरह का मामला पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।