सीकर/दांतारामगढ़. दांतारामगढ़ क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक परिचित ने एक व्यक्ति की मां के बीमार होने का बहाना बनाकर पीड़ित के खाते में अपने भाई से रूपए मंगाने के लिए खाता नंबर मांगे तो पीड़ित ने खाता नंबर बता दिए। आरोपी ने पीड़ित के खाते में 15 लाख रुपए धोखाधड़ी से जमा करवा दिए और बाद में बिना उसकी अनुमति के खाते से निकलवा भी लिए।
इस संबंध में पीड़ित ने पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पीड़ित लेखराज वर्मा पुत्र सांवर मल वर्मा निवासी वार्ड 18 दांता ने मामला दर्ज करवाया है कि 12 नवंबर को वो और उसका दोस्त महावीर प्रसाद धाबाई कोठी के पास दांता में ढाबे पर बैठे थे। इसी दौरान एक कार में रमेश ओला निवासी मारोठ आया जो उसका परिचित है। रमेश ओला ने खुद की माताजी के बीमार होने का बहाना बताकर व खुद के बैंक खाते में प्रॉब्लेम बताकर लेखराज का अकाउंट नंबर मांगा व कहा कि वह बड़े भाई से पैसे डलवा रहा है ।
पीड़ित लेखराज ने उसे एयू बैंक दांता के खाता नंबर बता दिए। उस खाते में 8,00,000 रुपये आए तो उसने मुझे बोला कि आप गाड़ी में बैठो। नावां से पैसे निकलवा लेते हैं। मैनेजर मेरा जान पहचान का है, जल्दी निकलवा देगा। पीड़ित गाड़ी में बैठा रहा। इनके पैसे निकलवाने के लिए फिर उसके द्वारा उसके खाते से 3,00,000 रुपए एयू बैक नांवा से निकाल लिए। बकाया राशि 5,00,000 रुपए जोबनेर से निकाल लिए।
यह पैसे निकालने के बाद लेखराज बोला कि मेरे को बस में बैठा दो, मैं चला जाऊंगा । आप माताजी को दिखा लो तभी रमेश ओला ने कहा कि तेरे खाते में 15,00,000 रूपए और डलवाएंगे। तब लेखराज को शक हुआ और पूछा कि इतने पैसे क्यों डलवा रहे हो तो उसने कहा कि यूएसडीटी के पैसे हैं, बाद में मैने उनको मना कर दिया। फिर भी उन लोगों ने 15,00,000 रूपए उसके खाते में डलवा दिए। उसके बाद वह वहां से निकल कर घर आया तो उसका मोबाइल, एटीएम व चैक उनके पास रह गए। जब यह बात उसके दोस्त महावीर प्रसाद को बताई तो उसने कहा कि खाते को होल्ड करवा देते हैं और एटीएम को बंद करवा देते है।
बैंक पहुंचने पर पता चला कि खाते में केवल 35,000 रूपए ही हैं। तब उसे शंका हुई कि जो यूएसडीटी के 15 लाख रुपए रमेश ओला ने जबरदस्ती डलवाए थे। वह पैसे लेखराज की सहमति के बिना उन लोगों ने धोखाधडी करके निकलवा लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी गहनता से जांच शुरू कर दी है।