
वर्ष 2025 से मोबाईल फोन मे बिना नेटवर्क के भी कॉल कर सकेगें। जरा सोचिए कि हम किसी ऐसे स्थान पर हैं जहं पर मोबाईल नेटवर्क की कमी और हमको किसी से जरूरी बाते करनी हो और फोन न लगे तो कितनी परेशानी होती है।।अभी हम कभी कभी मोबाईल फोन मे नेटवर्क नही रहने समस्या झेलते है परंतु अतिशीघ्र ही अब मोबाईल नेटवर्क की यह समस्या से छुटकारा मिलने वाला है। डायरेक्ट टू सेल तकनीकी आने के बाद हम बिना नेटवर्क के भी अपने स्मार्ट फोन से कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल कर पायेगें। डायरेक्ट टे सेल स्मार्ट फोन को सैटेलाइट से जोड़ती है, और इसे बनाया है इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने। डायरेक्ट टू सेल एक ऐसी तकनीक कनेक्टविटी सेवा है जो कि स्मार्ट फोन को सीधे सैटेलाइट से जोड़ती है। डायरेक्ट टू सेल तकनीक के माध्यम से हम और आप अपने स्मार्ट फोन का उपयोग सैटेलाइट के द्वारा कॉल करने और इंटरनेट ब्राउज करने के लिए कर पायेगें, जैसे कि अभी हम वर्तमान मे मोबाईल टावर के माध्यम से फोन करते है। इसमे खास बात यह भी है कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए हमे कोई नया डिवाइस या फिर फोन खरीदने की आवश्यकता भी नही पड़ेगी। इस सर्विस का फायदा हम अपने मौजूदा काम आने वाले स्मार्ट फोन से भी कर पायेगें इस तकनीक मे स सैटेलाइट कनेक्शन पहली कड़ी है। इसमे स्मार्ट फोन सीधे उन सैटेलाइट से कनेक्ट होता है जो कि पृथ्वी के चारोः ओर घूम रहे है। यह तकनीक ठीक उसी प्रकार है जैसे कि अभी हमारा मोबाईल फोन मोबाईल टावर से जुड़ता है। फोन मे लॉग टर्म इवोल्यूशन फीचर होता है जो कि मोबाईल टावरों से इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है। स्टारलिंक ने अपने कक्षा वाले उपग्रहों मे भी एलटीई को शामिल किया हुआ है। यह उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए मोबाईल टावर की तरह कार्य करेगें। स्मार्ट फोन सा सैटेलाइट को कनेक्ट करने के लिए एक हार्डवेयर लगता है ईनोडबी” जिसकी सहायता से कनेक्टविटी दोनो के बीच बन जाती है। यदि यह डिवाइस नही होगा तो सैटेलाइट को कुछ समझ नही आयेगा। भारत मे यदि इस तकनिकी को लागू करना है तो स्टारलिंक को मोबाईल नेटवर्क प्रोवाइडरस के साथ अनुबंध करना होगा। तब फिर यह सेवा पूरी तरीके के साथ काम कर पायेगी। डायरेक्ट टू सेल सुविधा का लाभ लेने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा जो कि नेटवर्क प्रदाता चार्ज करेगा।