
समीर वानखेड़े:
बुलढाणा जिले में चिकित्सा क्षेत्र के इतिहास में एक दुर्लभ घटना कल 28 जनवरी को प्रकाश में आई। एक गर्भवती महिला के पेट में बच्चा होने और बच्चे के भी पेट में बच्चा होने का एक बहुत ही दुर्लभ मामला सामने आया है। विश्व के चिकित्सा इतिहास में अब तक ऐसी 200 घटनाओं का रिकॉर्ड है, तथा देश में नौ से दस घटनाएं।
एक 32 वर्षीय गर्भवती महिला कल दोपहर (28 जनवरी) अपनी नियमित जांच के लिए बुलढाणा के जिला महिला अस्पताल आई थी। चूंकि महिला 32 सप्ताह की गर्भवती थी, इसलिए डॉक्टर ने उसकी जांच की और उसे सोनोग्राफी कराने की सलाह दी। महिला जब सोनोग्राफी कराने के लिए महिला अस्पताल के सोनोग्राफी विभाग में गई तो वहां पर मौजूद डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो वे हैरान रह गए। सोनोग्राफी करने के बाद डॉक्टरों को पता चला कि महिला के गर्भ में एक बच्चा है और उस बच्चे के गर्भ में एक और बच्चा भी है। डॉक्टर को इस पर विश्वास नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को दोबारा जांच और पुष्टि करने के लिए बुलाया।
बुलढाणा में इस तरह की घटना पहली बार सामने आई है।
महिला की जांच करने पर पता चला कि महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा भी बच्चा ही है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में “फिटस इन फिटो” कहा जाता है। यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति है। अब तक दुनिया में ऐसे केवल 200 मामले ही सामने आए हैं और हमारे देश में नौ से दस, यह चिकित्सा क्षेत्र के इतिहास में एक मील का पत्थर है। यह पहली बार है जब इस तरह की घटना सामने आई है।
गर्भवती महिला के बच्चे के पेट में एक शिशु जैसी गांठ दिखाई देती है, और इसे “फिटस इन फीटो” कहा जाता है। यह स्थिति “जन्मजात असामान्यता” के कारण होती है। यह स्थिति लगभग 5 लाख सामान्य गर्भवती महिलाओं में से एक में, तथा 20 लाख गर्भवती महिलाओं में से एक में होती है। प्रसव के बाद कई बार जब शिशु को पेट में दर्द होता है। उस समय, बच्चे को गर्भ से बाहर निकालने के लिए सर्जरी की जाती है।
बुलढाणा जिले के चिकित्सा इतिहास में ऐसी घटना पहली बार सामने आई है। इस बीच, चूंकि बुलढाणा में महिला के प्रसव के बाद बच्चे की सर्जरी करने की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए महिला को छत्रपति संभाजी नगर स्थित सभी सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल में भेज दिया गया है।