
📢 बड़ी खबर: पीलीभीत में मस्जिद में बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल, मौलवी पर मुकदमा
पीलीभीत – जहानाबाद थाना क्षेत्र के काजीटोला स्थित मस्जिद में नमाज के दौरान बिना अनुमति लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने के आरोप में मौलवी अशफाक पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना शनिवार दोपहर की है, जब मस्जिद में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा था, जबकि प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।
💥 क्या है मामला?
- 25 फरवरी को उच्चतम न्यायालय और शासन के आदेशों से मौलवी अशफाक को पहले ही अवगत करवा दिया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता।
- शनिवार को लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की शिकायत उपनिरीक्षक वरुण ने दर्ज कराई, जिसके बाद थानाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा के नेतृत्व में यह मामला दर्ज किया गया।
🧐 मामले का कानूनी पक्ष:
- लाउडस्पीकर का अवैध इस्तेमाल और अनुमति के बिना सार्वजनिक आवाज़ का प्रसारण को लेकर कड़े कानूनी आदेश पहले ही लागू हैं, ताकि धार्मिक स्थलों पर शांति बनाए रखी जा सके।
- मौलवी अशफाक के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (कानून की अवज्ञा) और लाउडस्पीकर से जुड़े नियमों के उल्लंघन में मुकदमा दर्ज किया गया है।
🔥 लोगों की प्रतिक्रिया:
- यह मामला अब स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है, और लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए।
- इस घटना ने फिर से धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और सामाजिक शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए हैं।
⚖️ प्रशासन की कार्रवाई:
- पुलिस ने मौलवी को इस मामले में सख्त चेतावनी दी है और कहा है कि आगे से इस तरह की अवज्ञा करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- साथ ही, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर लाउडस्पीकर का उपयोग केवल प्रशासन की अनुमति से ही किया जा सकता है।
यह घटना धार्मिक स्थलों पर कानून के पालन और सामाजिक शांति के महत्व को एक बार फिर से उजागर करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करता है और मौलवी पर क्या कदम उठाए जाते हैं।
📢 रिपोर्ट: एलिक सिंह (संपादक)
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📌 जिला प्रभारी (BJAC), भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद्