
🗞️ भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा: ईडी के डिप्टी डायरेक्टर चिंतन रघुवंशी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार
भुवनेश्वर, 30 मई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डिप्टी डायरेक्टर चिंतन रघुवंशी (IRS) को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी देशभर में सनसनी फैलाने वाली है, क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर एक शीर्ष अधिकारी की कथित मिलीभगत और भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
CBI के अनुसार, आरोपी अधिकारी चिंतन रघुवंशी पर एक कारोबारी से कुल 5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। अंततः सौदा 2 करोड़ रुपये में तय हुआ था। शुक्रवार को कारोबारी ने 20 लाख रुपये की पहली किस्त दी, जिसके तुरंत बाद CBI ने जाल बिछाकर छापेमारी कर दी।
CBI ने बताया कि:
आरोपी ने कारोबारी पर ईडी की जांच को रफा-दफा करने का दबाव बनाया था।
5 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी, जो बाद में 2 करोड़ में तय हुई।
पहली किश्त के तौर पर 20 लाख रुपये लेते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
CBI की कार्रवाई के दौरान मौके पर ही नगद राशि भी जब्त कर ली गई है। गिरफ्तार अधिकारी से पूछताछ जारी है और शुरुआती पूछताछ में कई अन्य अहम सुराग हाथ लगे हैं।
जनता में बढ़ा रोष
यह मामला सामने आने के बाद ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। ईडी जैसी संस्था, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों की जांच में अहम मानी जाती है, उसके एक वरिष्ठ अधिकारी का इस तरह से रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरफ्तारी न केवल एक अधिकारी की भ्रष्ट मानसिकता को उजागर करती है, बल्कि ईडी जैसी संस्थाओं में भी आंतरिक पारदर्शिता की सख्त जरूरत को दर्शाती है।
भविष्य की कार्रवाई
CBI के सूत्रों का दावा है कि इस प्रकरण में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। अधिकारी से पूछताछ के बाद भ्रष्टाचार के इस जाल में शामिल अन्य अधिकारियों के नाम भी उजागर हो सकते हैं।
सरकारी प्रतिष्ठान की साख पर सवाल
एक ओर सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएं सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
आगे की राह
फिलहाल आरोपी चिंतन रघुवंशी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की तैयारी है। सीबीआई ने इस घूसकांड से जुड़े अन्य दस्तावेज भी जब्त कर लिए हैं। जनता अब सरकार से पारदर्शिता और कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है।
🖋️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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