
ब्रेकिंग न्यूज़: सहारनपुर में 12 वर्षों से चल रहा विशाल जिस्मफरोशी का रैकेट, नाबालिग लड़कियों की तस्करी से हो रहा करोड़ों का काला कारोबार – पुलिस व प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल
सहारनपुर: मेरठ और दिल्ली की तर्ज पर सहारनपुर भी अब वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी का अड्डा बनता जा रहा है। थाना कुतुबशेर के अंतर्गत आने वाले मानकमऊ चौकी क्षेत्र में पिछले 12 वर्षों से जिस्मफरोशी का एक संगठित और विशाल नेटवर्क फल-फूल रहा है, जो बिहार, बंगाल और नेपाल से नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर के यहां के गंदे धंधों में धकेल रहा है। यह मामला स्थानीय लोगों में दहशत और गुस्से का विषय बना हुआ है।
लंबे समय से चल रहा है खुलेआम नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली रोड, मानकमऊ, हकीमपुरा, संखलापुरी रोड, चौधरी बिहार, रसूलपुरा और रमजानपुरा सहित अनेक जगहों पर फैले इस धंधे की कमाई करोड़ों में होती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मानकमऊ छोटी नहर के पास और मोलहू की कोठी के आस-पास यह धंधा बड़े पैमाने पर चलता है, जहां दिन-प्रतिदिन महिला तस्करी और नशे के बीच वेश्यावृत्ति का कारोबार चरम पर है।
नाबालिग लड़कियों की तस्करी और शोषण की आशंका
इस घोटाले में नाबालिग लड़कियों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनकी तस्करी बिहार, बंगाल, नेपाल जैसे राज्यों और देशों से की जाती है। इन्हें ज़बरदस्ती इस काले कारोबार में धकेला जाता है। इस भयावह सच्चाई से इलाके के निवासी बेहद चिंतित हैं, लेकिन डर के कारण खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
संरक्षण का आरोप और राजनीतिक दखल
स्थानीय सूत्रों ने आरोप लगाया है कि इस रैकेट को न केवल सुरक्षा दी जा रही है, बल्कि कुछ सफेदपोश लोग, जिनमें पुलिस के उच्चाधिकारी, राजनीतिक दलों के प्रभावशाली लोग और सामाजिक संगठन भी शामिल हैं, इस काले कारोबार से जुड़े हैं। यह मामला प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है।
पुलिस की नाकामी और प्रशासन की चुप्पी
बीते 12 वर्षों में इस रैकेट पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अपराधी खुलेआम अपने नेटवर्क को चला रहे हैं और पुलिस की कारगुजारियां नाकाफी साबित हो रही हैं। पुलिस की कार्यवाही में कमी और राजनीतिक दबाव के चलते अपराधी संरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।
स्थानीय लोग मांग रहे हैं न्याय और सुरक्षा
स्थानीय निवासी, विशेषकर महिलाओं और युवाओं ने प्रशासन से तत्काल इस काले कारोबार पर रोक लगाने की मांग की है। वे चाहते हैं कि दोषियों को बेनकाब कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि जनपद को इस सामाजिक कलंक से मुक्त कराया जा सके।
सवाल जो प्रशासन को करना होगा जवाब
क्या इस काले रैकेट में शामिल सभी शक्तिशाली तत्वों को बेनकाब किया जाएगा?
क्या पुलिस और प्रशासन इस मामले में निष्पक्ष और प्रभावी जांच करेगा?
नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे?
जनपद सहारनपुर को मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति के अड्डे से मुक्त कराने के लिए क्या रणनीति बनाई गई है?
निष्कर्ष:
सहारनपुर के मानकमऊ और आस-पास के इलाके में 12 वर्षों से जारी यह काला कारोबार जनपद के सामाजिक ताने-बाने को तहस-नहस कर रहा है। इस मामले में प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो जनपद की साख और सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती है।
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रिपोर्ट: एलिक सिंह
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