राजस्थान से पहचान किसने दी?

राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर
राजस्थान, जिसे ‘राजपूताना’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक राज्यों में से एक है। यहाँ की समृद्ध संस्कृति, कला, और इतिहास ने इस क्षेत्र को एक विशेष पहचान दी है। लेकिन सवाल ये है कि राजस्थान को पहचान किसने दी?
महाराजाओं और राणियों का योगदान
राजस्थान की पहचान में यहाँ के महाराजाओं और राणियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जैसे कि महाराणा प्रताप, जो अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं, और रानी पद्मिनी, जिनकी सुंदरता और साहस ने उन्हें ऐतिहासिक रूप से अमर कर दिया। इन शूरवीरों ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान को आकार दिया, जो आज भी जीवित है।
स्थापत्य कला और पर्यटन
न केवल इतिहास, बल्कि राजस्थान की स्थापत्य कला ने भी इसकी पहचान को बढ़ावा दिया है। जयपुर का हवा महल, उदयपुर का सिटी पैलेस, और जैसलमेर का किला जैसे अद्भुत संरचनाएँ इस राज्य की पहचान को विश्व स्तर पर स्थापित करती हैं। इसके अलावा, पर्यटन ने भी राजस्थान की पहचान को और अधिक मजबूती दी है, जिससे लाखों लोग इसकी कला और संस्कृति का अनुभव करने आते हैं।