
शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी देखने को मिली. ये कोई फ्लूक या यूं कहें कि तुक्का नहीं है. शेयर बाजार अब असली रंग में दिखाई देने लगा है. जिसने पूरी दुनिया को खासकर विदेशी निवेशकों को साफ संकेत दिया है कि कि वो गिरेगा, लेकि उठेगा, उसके बाद लड़ेगा, लेकिन किसी के सामने झुकेगा नहीं. फिर चाहे विदेशी निवेशकों की निकासी हो, या फिर ट्रंप का टैरिफ, या जियो पॉलिटिकल टेंशन और रुपए में आई गिरावट ही क्यों ना हो. बीते चार दिनों में शेयर बाजार ने अपने आपको एक मजबूत और बड़े दिल वाला मार्केट साबित किया है.
वैसे इस तेजी के पीछे शेयर बाजार को मिले वो ‘चार’ यार भी हैं, जिनकी वजह से सेंसेक्स और निफ्टी को बढ़त बनाने में कमदद मिली. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड ने दो रेट कट के संकेत दिए. उसके बाद आईटी स्टॉक्स ने शेयर बाजार को रीबाउंड कराने में मदद की. डॉलर में गिरावट भी शेयर बाजार को हाशिये उठाकर सेंट्रल प्वाइंट लेकर आया. और अंत में विदेशी बाजारों की तेजी ने भारत के बाजार को भरोसा और वो फ्यूल देने का काम किया जिससे गुमसुम निवेशकों में एक बार फिर जान आई.
अगर बात गुरुवार की करें तो सेंसेक्स में 899 अंकों की तेजी देखने को मिली. जबकि बीते 4 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में करीब 3.50 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. वहीं दूसरी ओर निफ्टी 283 अंकों की शानदार तेजी के साथ बंद हुआ. चार दिनों में करीब 800 अंकों की तेजी देखने को मिली. इन चार दिनों में शेयर बाजार निवेशकों को 17.37 लाख करोड़ रुपए का फायदा भी हुआ. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह की तेजी देखने को मिली है.
शेयर बाजार में इजाफा
लगातार चौथे दिन शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेसेक्स 899 अंकों की तेजी के साथ 76,348.06 अंकों के साथ बंद हुआ. आंकड़ों को देखें तो कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 76,456.25 अंकों के साथ दिन की ऊंचाई पर भी पहुंच गया. अगर बात बीते चार दिनों की करें तो सेंसेक्स में 3.41 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार 13 मार्च को यानी होली से पहले 73,828.91 अंकों पर था. जो आज बढ़कर 76,348.06 अंकों पर आ गया. इसका मतलब है कि सेंसेक्स में इस दौरान 2,519.15 अंकों की तेजी देखने को मिली है.
निफ्टी में भी जोरदार तेजी
वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. एनएसई के आंकड़ों के अनुसार निफ्टी में गुरुवार को 283 अंकों का इजाफा देखने को मिला है. जिसके बाद निफ्टी 23,190.65 अंकों पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 23,216.70 अंकों की ऊंचाई पर पहुंच गया. वैसे बीते चार कारोबारी दिनों में निफ्टी में 3.54 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. निफ्टी 13 मार्च को 22,397.2 अंकों पर बंद हुआ था, जो आज बढ़कर 23,190.65 अंकों पर बंद हुआ. इसका मतलब है कि चार दिनों में 793.45 अंकों का इजाफा देखने को मिल चुका है.
ये हैं शेयर बाजार के चार ‘यार’
फेड ने दिए दो रेट कट के संकेत
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और दिसंबर के पूर्वानुमान के अनुरूप 2025 के अंत तक दो बार ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया. हालांकि, फेड ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ के प्रभाव का हवाला देते हुए अपने आर्थिक विकास के दृष्टिकोण को कम कर दिया और महंगाई की उम्मीदों को बढ़ा दिया. अप्रैल की शुरुआत में अधिकांश टैरिफ लागू होने के साथ, पॉलिसी मेकर महंगाई और आर्थिक स्थितियों पर उनके प्रभाव की निगरानी कर रहे हैं. कम अमेरिकी ब्याज दरें डॉलर को कमजोर करती हैं और ट्रेजरी यील्ड को कम करती हैं, जिससे भारत जैसे उभरते बाजार विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाते हैं.
आईटी शेयरों में तेजी
निफ्टी आईटी इंडेक्स, जो 2025 में 16.4% गिरा था, जो गुरुवार को 1.22 फीसदी बढ़त के साथ बाजार में तेजी का नेतृत्व किया. अमेरिका से अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा कमाने वाली आईटी कंपनियों में मजबूत खरीदारी देखी गई. एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो और इंफोसिस में 2 फीसदी तक की तेजी आई. अकेले इन आईटी शेयरों ने सेंसेक्स की बढ़त में लगभग 200 अंकों का योगदान दिया.
ग्लोबल मार्केट से मिला सपोर्ट
वॉल स्ट्रीट पर मजबूत प्रदर्शन के बाद गुरुवार को एशियाई बाजारों में तेजी के साथ भारतीय शेयरों ने ग्लोबल गेन का बेनिफिट हासिल किया. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती के अपने दृष्टिकोण की पुष्टि करने और ट्रम्प की टैरिफ धमकियों पर चिंताओं को कम करने के बाद निवेशकों की भावना में सुधार हुआ. ऑस्ट्रेलियाई शेयरों में 1% की तेजी आई, जबकि अमेरिकी वायदा ने अपनी तेजी को जारी रखा. नैस्डैक वायदा 0.62% बढ़ा, तथा एसएंडपी 500 वायदा 0.46 फीसदी बढ़ा.
यूएस बॉन्ड यील्ड में गिरावट और डॉलर में कमजोरी
यूएस 10-साल की ट्रेजरी यील्ड फरवरी के मिड में लगभग 4.5 फीसदी से गिरकर 4.245 फीसदी हो गई, जबकि 2 साल की यील्ड 4.28 फीसदी से गिरकर 3.993 फीसदी हो गई. इस बीच, यूएस डॉलर इंडेक्स 103.36 पर रहा, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों में सकारात्मक धारणा को बल मिला. कमजोर डॉलर और यूएस बॉन्ड यील्ड में कमी से भारतीय इक्विटी विदेशी निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन गई है, जिससे बाजार में अधिक निवेश की संभावना है.