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मध्याह्न भोजन में बच्चों को सिर्फ बिस्किट खिलाया जा रहा है

मध्याह्न भोजन में चावल, दाल, सब्जी के जगह बच्चों को सिर्फ खिलाया जा रहा है बिस्किट

 

रामगढ प्रखंड के भालसुमर पंचायत अंतर्गत ग्राम डेलीपाथर के प्राथमिक विद्यालय डेलीपाथर ए में इन दिनों मध्याह्न भोजन योजना यानी मिड-डे मील में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं चल रही है। सरकार के नियमानुसार , गुरुवार को विद्यालय में अल्पाहार में बिस्किट और मध्याह्न भोजन में चावल, दाल और हरी सब्जी बननी चाहिए। लेकिन इस विद्यालय में गुरुवार को कुछ अलग ही दृश्य देखने को मिला। विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन में खाने के रूप में सिर्फ बिस्किट दिए गए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह सचिव पंकज कुमार से जब बातचीत करने की कोशिश की गई तो पता चला कि प्रधानाध्यापक नवभारत साक्षर की होने वाली परीक्षा को लेकर बैठक में प्रखंड कार्यालय रामगढ गए हुए थे। और वहीं विद्यालय की संयोजिका भागो देवी, रसोईया बसंती देवी, व एक अन्य रसोईया फोटो देवी इन तीनो में से कोई भी विद्यालय में मौजूद नहीं था। और ना ही रसोई घर खुला हुआ था। ये तीनो लोग बच्चों को सिर्फ बिस्किट खिला कर छुट्टी मनाने के लिए विद्यालय से अपने घर चली गयी थी। जबकि नियम यह है कि सुबह 9 बजे जब विद्यालय खुलता है तबसे लेकर जबतक विद्यालय बंद नहीं हो जाता है तबतक संयोजिका और रसोईया दोनों कही भी नहीं जा सकती है, क्योंकि विद्यार्थियों को भोजन कराने की जिम्मेदारी इन्हीं लोगो के ऊपर रहती है। लेकिन इस विद्यालय को देख कर यह साफ प्रतीत होता है कि इस विद्यालय में संबंधित विभाग का कोई भी नियम काम नहीं करता हैं। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को विद्यालय में परीक्षा थी जिसके वजह से गुरुवार को कम विद्यार्थी विद्यालय पहुँचे।
जब संयोजिका और रसोईया को यह बात पता चली की विद्यालय में कम विद्यार्थी आये हैं तो इन तीनों की मिली भगत से विद्यार्थियों को सिर्फ बिस्किट खिला दिया गया और बिस्किट खिलाने के बाद यह तीनों अपने-अपने घर चले गए। संयोजिका व रसोईया को भी लगा होगा कि अब कौन बेकार में बच्चों को खाना खिलाने के लिए मेहनत करे खाना बनाये और बर्तन धोए। संबंधित विभाग तो हर महीने पैसे देने के लिए बाधित है ही। हर महीने तो बिना मेहनत के पैसे मिल ही रहे हैं तो क्यों बेकार में मेहनत किया जाए। और इन्हीं कारनो के वजह से यह तीनों विद्यालय से छुट्टी मनाने के लिए अपने घर चली गयी होंगी। इस विषय पर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मुकुंद मरांडी से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में जाँच के उपरांत जिसको भी दोषी पाया जाएगा उसके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संबंधित विभाग इस मामले में संज्ञान लेती है या नहीं।

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