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21वीं पशु संगणना कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम चरण के प्रशिक्षण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 120 प्रगणकों सहित समस्त सुपरवाइजरों एवं नोडल अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण महासमुन्द 09 सितम्बर 2024/ भारत सरकार द्वारा प्रायोजित 21 वीं पशु संगणना कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम चरण के प्रशिक्षण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में 8 सितंबर को आयोजित किया गया। जिसमें संचालनालय पशु चिकित्सा सेवाएं छ.ग. के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आगामी 21वी पशु संगणना के संबंध में जिले के 120 प्रगणकों सहित समस्त सुपरवाइजरों एवं नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। भारत में सर्वप्रथम पशु संगणना की शुरूआत वर्ष 1919 में हुई थी। इस क्रम में पूर्व में वर्ष 2019 में 20 वी पशु संगणना संपन्न हुई थी। वर्तमान में 20 वी पशु संगणना अनुसार जिले में 3,05,163 गौवंशी, 21,813 भैसवंशी, 15,970 भेड़ प्रजाति, 1,23,765 बकरी प्रजाति, 1884 सूकर प्रजाति, 7 अश्व प्रजाति के इस प्रकार कुल 468608 पशुधन एवं 10,90,530 पक्षीधन, 1435 श्वान तथा 350 खरगोश प्रजाति के पशु-पक्षी महासमुन्द जिले में उपलब्ध है। 21 वी पशु संगणना का कार्य भारत सरकार के सांख्यिकी प्रभाग द्वारा विकसित किए गए भारत पशुधन एप के माध्यम से किया जाएगा जो की गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है। 120 प्रगणकां द्वारा उक्त जानकारी गांव-गांव, घर-घर जाकर एकत्र की जाएगी तत्पश्चात एप में ऑनलाइन इन्द्राज करके सुपरवाइजर को भेजी जाएगी, सुपरवाइजरां द्वारा वेरीफिकेशन पश्चात उक्त जानकारियों को अपने जिला नोडल अधिकारी को भेजा जाएगा। वहॉ से समस्त जानकारियां राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से ऑनलाईन भारत सरकार को भेजी जाएगी। बता दें कि पशु संगणना एक अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्य है इससे सरकार को नीतियॉ निर्धारण करने, बेहतर योजनाओं को तैयार करने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता मिलती है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने जिले के सभी पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे अपने-अपने पशुधन- पक्षीधन की जानकारी प्रदाय करने में प्रगणकों

प्रथम चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रथम चरण के अंतर्गत 21वाँ पशु संगना कार्यक्रम
 

महासमुंद 09 सितंबर 2024/ भारत सरकार द्वारा 21वें पशु संगना कार्यक्रम के प्रथम चरण के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 8 सितंबर को जिला पंचायत के सभाकक्ष द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संचालन पशु चिकित्सालय सेवा संस्थान छ.ग. पशु अधिकारियों द्वारा आगामी 21वी संगठन के संबंध में जिले के 120 प्रागणों में शामिल सभी सुपर डिलेण्डरों एवं पशु अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
भारत में पशुधन संगठन की शुरुआत वर्ष 1919 में हुई थी। इस क्रम में पूर्व वर्ष 2019 में 20 वी पशुधन संगठन की आय हुई थी। वर्तमान में 20 वी पशुधन प्रजाति के अनुसार जिले में 3,05,163 गौवंश, 21,813 भैंसवंशी, 15,970 भेड़ प्रजाति, 1,23,765 बकरी प्रजाति, 1884 शूकर प्रजाति, 7 अश्व प्रजाति के इस प्रकार कुल 468608 पशुधन एवं 10,90,530 प्रजाति प्रजाति कुल 468608 पशुधन एवं 10,90,530 प्रजाति प्रजाति वान एवं 350 खरगोश के पशु-पक्षी महासमुंद जिले में उपलब्ध है।
   21 वी पशुधन संगठन का कार्य भारत सरकार द्वारा विकसित भारत पशुधन ऐप के माध्यम से डाउनलोड किया गया जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। 120 प्रागणक उकेर जानकारी गांव-गांव, घर-घर एकत्रीकरण एप में ऑनलाइन इंद्राज करके सुपर डिजायनर को अंतिम रूप दिया जाएगा, सुपर डिजायनर द्वारा वेरीफिकेशन अपने-अपने जिला सूची अधिकारियों को भेजा जाएगा। वहॉ से समग्र विवरण राज्य स्टॉक अधिकारी के माध्यम से ऑनलाइन भारत सरकार को प्रकाशित किया जाएगा।
पशुधन संगठन एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है, इसे सरकार को नीतियो में बताना चाहिए, बेहतर सलाह तैयार करने के लिए संस्थान के परामर्शदाताओं में सहायता प्रदान करनी चाहिए। पशु चिकित्सक चिकित्सा सेवा प्रदाताओं ने जिलों के सभी पालकों से आग्रह किया है कि वे अपने पशुधन-पक्षीधन की जानकारी प्रतिदिन करने में पशुपालकों से पूर्ण सहयोग करें। 

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