
इटावा ब्रेकिंग
👉इटावा जिला अस्पताल की इमर्जेंसी बनी लापरवाही का केन्द्र यहाँ मरीजो की जान के साथ किया जाता है खिलवाड जिला अस्पताल की इमर्जेंसी मैं सुबह की शिफ्ट मैं कुछ स्टाफ नर्स सिर्फ अपना टाइम पास करने के लिए आती है उन्हे अपनी ड्यूटी से कोई मतलब नही है उन्होंने इमर्जेंसी को गुड्डा गुडियो का खेल समझ रखा है जिसका जीता जागता उदाहरण हम आपको कुछ तस्वीरों के माध्यम से दिखाते है जहा ट्रेनिंग करने वाली छात्राओं द्वारा बिना किसी जिम्मेदार स्टाफ नर्स के न होने पर वीगो (कैनुला) लगाई जा रही है
👉इटावा का जिला अस्पताल ये वही जगह है जहा मरीज उम्मीद लेकर आते है कि उन्हे बेहतर इलाज मिलेगा लेकिन हक़ीक़त इससे कोसों दूर है यहाँ इमर्जेंसी मैं वार्डो की हालत ये है की यहाँ मरीजो का इलाज ट्रेनिंग कर रहे छात्र कर रहे है वो भी बिना किसी अनुभवी स्टाफ नर्स की निगरानी के जहा एक ओर जान बचाने की दौड़ होनी चाहिए वही यहाँ ट्रायल और एरर से इलाज हो रहा है
👉अस्पताल प्रशासन की लापरवाही इतनी है कि नर्सिंग और पेरामेडिकल के छात्र ही अब डॉक्टरों की भूमिका मैं आ गये है पूछने पर बताया जाता है स्टाफ की भारी कमी है लेकिन हक़ीक़त मैं जो स्टाफ को शासन द्वारा नियुक्त किया गया है वह अपनी कुर्सी पर पैर पसार कर आराम फरमाता दिखाई देता है
👉ये कोई पहली बार नही इमर्जेंसी मैं बेशक सीनियर स्टाफ मौजूद हो लेकिन यहाँ हालात हर बार ऐसे ही मिलते है इटावा जिला अस्पताल का ये हाल सिर्फ एक जिले की कहानी नही है बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाता है
सवाल ये है…. कब तक हमारे अस्पताल ऐसे ही चलेंगे आखिर कब तक मरीजो की जान जोखिम मैं डाली जाती रहेगी अस्पताल की इमर्जेंसी को जैसे भगवान् भरोसे छोड़ दिया गया है ना ही समय पर इलाज और न ही उचित सुबिधा और जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है
👉सरकार की तरफ से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लाख दावे किये जाते है लेकिन इटावा जिला अस्पताल जैसे हालात उन दावों की सच्चाई बयां कर रहे है अब देखना होगा कि इस रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार जागते है या फिर ये लापरवाही ऐसे ही चलती रहेगी
इटावा से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट