
लोटन। विद्युत सब स्टेशन छेरियाकाछा से जुड़े गांवों की बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गई है। कहने को तो गांव में 18 घंटे बिजली देने का रोस्टर निर्धारित है, लेकिन कुछ ही घंटे लोगों को बिजली मिल रही।जो बिजली मिल भी रही है उसके आने-जाने का क्रम लगातार बना रहता। हर 10 मिनट पर बिजली आती है और जाती है। इसलिए बिजली के भरोसे कोई काम कोई नहीं कर सकता।
सरकार का 18 घंटे बिजली देने का दावा निश्चित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में हवा-हवाई साबित हो रहा है। छेरियाकाछा विद्युत सब स्टेशन की बात करें तो यहां एक दो लोगों को छोड़कर कोई भी सरकारी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। सभी संविदा पर हैं। यह विभाग के अधिकारियों के चहेते हैं। बिजली आने के बाद इनका काम शुरू होता है और वह बिजली काट कर लोगों की बिजली बनाते हैं, ताकि उनसे आमदनी हो सके। इस स्टेशन से दो दर्जन से अधिक गांवों को बिजली दी जाती है। इन गांवों के बिजली की समस्या दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
अब तो मुख्यमंत्री की जन सुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायतों का भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में सरकार किस प्रकार गांव के लोगों को 18 घंटे बिजली देगी, यह बात समझ से परे है। क्षेत्र के डफालीपुर, सिकरी बखरिया, लकडा, गढमौर, पननी, फुलवरिया, लोधपुउरवा, बस्तियां सहित तमाम गांवों के लोगों ने जिलाधिकारी से व्यवस्था ठीक कराने की मांग की है। साथ ही कहा कि अगर दो दिन में बिजली व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो चक्का जाम किया जाएगा।
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गर्मी ज्यादा होने के कारण लोड बढ़ जाता है। जरूरत के मुताबिक पॉवर हॉउस कम वोल्ट के कारण कहीं न कहीं मशीन में गड़बड़ी आ जाती है। इसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है। मेरा प्रयास रहता है कि सभी लोगों को बिजली मिलती रहे।
-राजेश गुप्ता, जेई