महाराष्ट्र सरकार मेकओवर के लिए देगी दो हजार करोड़।पुरानी इमारत की टेंशन खत्म! जर्जर बिल्डिंग बनेगी आलीशान घर।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 18 साल बाद नई हाउसिंग स्कीम को हरी झंडी दे दी है। इसे हाउसिंग सेक्टर के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है। इन पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य जहां सस्ते घरों के निर्माण को बढ़ावा देने है। वहीं, 'मेरा घर मेरा अधिकार' के तहत हर किसी के सिर पर अपनी छत मुहैया कराना है।सस्ते घरों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जहां 70,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई महाराष्ट्र सरकार मेकओवर के लिए देगी दो हजार करोड़।पुरानी इमारत की टेंशन खत्म! जर्जर बिल्डिंग बनेगी आलीशान घर।
मुंबई/महाराष्ट्र:महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में 18 साल बाद नई हाउसिंग स्कीम को हरी झंडी दे दी है। इसे हाउसिंग सेक्टर के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है। इन पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य जहां सस्ते घरों के निर्माण को बढ़ावा देने है। वहीं, ‘मेरा घर मेरा अधिकार’ के तहत हर किसी के सिर पर अपनी छत मुहैया कराना है।सस्ते घरों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जहां 70,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं, पुरानी इमारतों को निवासियों के द्वारा सेल्फ रीडेवलपमेंट के लिए शुरुआती दौर में दो हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।सरकार बनाएगी सेल्फ रीडेवलपमेंट सेल।सेल्फ रीडेवलपमेंट पर जोर के लिए एक खास “सेल्फ रीडेवलपमेंट सेल” भी बनेगा। ये सेल हाउसिंग सोसायटियों को योजना बनाने से लेकर प्रोजेक्ट पूरा करने तक मार्गदर्शन देगा। रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में ट्रांसपेरेंसी लाने और निवासियों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए अब सोसायटी, डेवलपर और सरकारी प्राधिकरण के बीच तीन पक्षीय समझौता जरूरी होगा।निवासियों को समय पर किराया मिले, इसके लिए रेंट अकाउंट और बैंक गारंटी के प्रावधान होंगे। नीति में झुग्गीवासियों, महिलाओं, विद्यार्थियों, बुजुर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लोगों को घर दिलाने में प्राथमिकता दी जाएगी। एआई से लैस स्टेट हाउसिंग इन्फॉर्मेशन पोर्टल।हाउसिंग पॉलिसी के तहत स्टेट हाउसिंग इन्फॉर्मेशन पोर्टल बनेगा जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस होगा।यह पोर्टल घरों की डिमांड और सप्लाई का मैनेजमेंट करेगा। साथ ही घरों की जियो टैगिंग कर इसे महाराष्ट्र रेरा और दूसरी सरकारी पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा।प्रवासी मजदूरों और स्टूडेंट्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किराए के मकान की सुविधा भी दी जाएगी। साथ ही घरों के निर्माण से जुड़ी सभी तरह की मंजूरियां छह महीनों के भीतर की जाएगी।2000 करोड़ रुपए के फंड से होगा शहर का कायाकल्प।टाटा रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर के एमडी और सीईओ संजय दत्त ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार की हाउसिंग पॉलिसी कई स्तरों पर काम करती है और इसमें बड़े अवसर छिपे हैं। उदाहरण के लिए, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) में 25,000 से अधिक इमारतों के पुनर्विकास के लिए ₹2,000 करोड़ का फंड रखा गया है, जिससे शहरों का कायाकल्प हो सकता है। साथ ही, 2030 तक 35 लाख सस्ते घरों के लिए जमीन का भंडार तैयार करना, एक लंबी अवधि के लिए असरदार योजना है।नीति में स्टूडेंट हाउसिंग और “वॉक-टू-वर्क” जैसी आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बातें भी शामिल हैं, जो आज के युवाओं की जरूरतों के मुताबिक हैं।मिडिल इनकम ग्रुप को मिलेगा अपना घर।सीआरईडीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा, “यह नई आवास नीति मुंबई के शहरी परिदृश्य को बदलने और भारत के मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए घर के मालिक बनने के सपने को साकार करने की दिशा में एक साहसिक कदम है। यह एक व्यावहारिक और भविष्योन्मुखी ढांचा प्रदान करती है जो गति, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता देता है—घर खरीदने वालों का विश्वास बहाल करता है और दीर्घकालिक निवेशक आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।25000 से ज्यादा इमारतें पुनर्विकास के लिए पात्र।मैन इंफ्राकंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एमआईएलसी) ग्रुप के एमडी मनन शाह ने कहा, ” महाराष्ट्र सरकार द्वारा ₹70,000 करोड़ के निवेश और 2030 तक 35 लाख घरों के लक्ष्य के साथ ‘माझे घर-माझे अधिकार’ आवास नीति को मंजूरी देना राज्य के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है। इस नीति का क्लस्टर पुनर्विकास पर ज़ोर है ,समग्र शहरी नवीनीकरण के लिए इमारतों और भूमि पार्सल को एकत्रित करना।मुंबई जैसे शहरों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जहां 25,000 से अधिक इमारतें पुनर्विकास के लिए पात्र हैं, जिससे ₹30,000 करोड़ से अधिक की परियोजना मूल्य प्राप्त होंगे।
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मोहम्मद अमान (पत्रकार)vande Bharat live tv news महाकुंभ ड्यूटी के बाद कानपुर कमिश्नरेट से करीब 161 पुलिसकर्मी पिछले छह महीनों से गायब चल रहे हैं। पुलिस ने बताया कि गायब हुए ये पुलिसकर्मी न तो अपने एड्रेस पर मिल रहे और न ही अपने गांवों में। यहां तक कि इनके मोबाइल फोन भी बंद आ रहे हैं, जिससे उनकी लोकेशन का पता नहीं लग पा रहा है। इन पुलिसकर्मियों में कई कुंभ मेले में ड्यूटी के बाद से और कई 6 महीने से लापता हैं। कौन कौन लापता: – 41 पुलिसकर्मी अलग-अलग ड्यूटी पर जाने के बाद से ‘गुम’ हैं। – 39 पुलिस वाले विभागीय कार्रवाई के बाद से ‘डिसलोकेट’ हैं। – 34 पुलिसकर्मी छुट्टी लेने के बाद से गैरहाजिर हैं। – 27 पुलिस वाले बीमारी की छुट्टी लेकर गए पर वापस नहीं लौटे। – 20 पुलिसकर्मी छह महीने बाद भी गैर जिले से वापस नहीं आए। पुलिस प्रशासन की ओर से इन सभी लापता पुलिसकर्मियों को दो बार नोटिस भी भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों ने यूपी पुलिस हेडक्वार्टर को भी सूचना दे दी है।
23/07/2025
मोहम्मद अमान पत्रकार कन्नौज जनपद के सदर तहसील का मामला। दबंगों के हौसले बुलंद। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य। निवासी जलालाबाद के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल मामला तहसील सदर कन्नौज का।
23/07/2025
“महाराष्ट्र मे शासकिय स्कुलोंका न होने दे निजिकरण”…!
23/07/2025
सहारनपुर। महाशिवरात्रि पर वनखंडी महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब पुलिस प्रशासन मुस्तैद, एसपीआरए और एसपी देहात ने किया सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण
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