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कर्म के आधार पर सुख व दुख का वरण स्वयं करता है जीव-आचार्य करूणाशंकर

व्यासपीठ से लोकमंगल का आर्शीर्वाद प्राप्त करते राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी

कर्म के आधार पर सुख व दुख का वरण स्वयं करता है जीव-आचार्य करूणाशंकर

लालगंज, प्रतापगढ़। क्षेत्र के अझारा गांव में हो रही श्रीमदभागवत कथा में शनिवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। कथाव्यास आचार्य करूणाशंकर दुबे ने कहा कि भगवान उसी को शरण दिया करते हैं जो दूसरों के लिए सुखदायी हुआ करता है। उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए अपने और पराये में कोई विभेद नही किया। उन्होने बताया कि श्रीमदभगवदगीता मनुष्य को कर्म के आधार पर सुख और दुख के बंटवारे के निर्णय का मार्ग प्रशस्त किया करती है। आचार्य करूणाशंकर जी ने कहा कि पूजा और आराधना दिखावे का आंशिक प्रतिफल भी नहीं दिया करती। उन्होनें कहा कि सच्चे मन से भगवान का स्मरण और कथाओं में भगवान की महिमा का वर्णन जीवन में आत्मसात करना ही पुण्य का एक मात्र मार्ग है। कथा श्रवण के लिए राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी भी पहुंचे। उन्होने क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की ओर से व्यासपीठ का माल्यार्पण कर सम्मान किया। वहीं व्यासपीठ से प्रमोद तिवारी को लोकमंगल का आशीर्वाद भी मिला दिखा। कथा के संयोजक पूर्व प्रधान प्रवीण कुमार मिश्र एवं निर्मला मिश्रा ने श्रीमदभागवत भगवान का पूजन अर्चन किया। सह संयोजक श्रवण कुमार मिश्र ने श्रद्धालुओं का रोली अभिषेक किया। इस मौके पर पं. देवानंद मिश्र, आईपी मिश्र, निशा मिश्रा, किरन मिश्रा, आनन्द मिश्र, सुनील पाण्डेय, प्रकाशचंद्र मिश्र, रामशिरोमणि मिश्र, पवन शुक्ला, इं. रमेश शुक्ला, राहुल सिंह, अनिल त्रिपाठी महेश, छोटे लाल सरोज, प्रियम मिश्र आदि रहे।

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