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गाजीपुर में 1465 स्कूल टीचरों की सैलरी रोकी

गाजीपुर बीएसए हेमंत राव ने जिला के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है. बच्चों के ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी न बन पाने की वजह से ये रोक लगाई गई है.गाजीपुर जनपद में बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने 1465 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है, जिससे शिक्षक परेशान हैं. वेतन के रुकने के कारण शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों के ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी न बन पाने के कारण शिक्षकों की लापरवाही में सभी के वेतन पर रोक लगाई है.मामले को लेकर शिक्षकों का साफ कहना है कि बच्चों के माता-पिता ने दाखिले के बाद आधार में जन्मतिथि में बदलाव किया है. ऐसे में प्रवेश के समय और बाद में संशोधन को वह कैसे ठीक कर सकते हैं, लेकिन अधिकारी उनकी जटिल समस्या को सुनने को तैयार नहीं हैं.

बच्चों को डाटा करना कर दिया है अनिवार्य केंद्र सरकार की तरफ से इंटर तक के सभी बोर्ड के छात्र-छात्राओं का अपार आईडी जो ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री आईडी बनाई जा रही है, जिसके मद्देनजर सभी बोर्ड के द्वारा संचालित विद्यालयों को अपने छात्रों का डाटा तैयार करना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं गाजीपुर की बात करें तो जिले में 5418 स्कूलों के माध्यम से करीब 7 लाख से ऊपर बच्चे इंटर तक के विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.अपार आईडी बनाने की जिम्मेदारी बच्चों का अपार आईडी बनाने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग को दिया गया है.सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पहले ही अपार आईडी बनाए जाने का निर्देश दिया गया था. परिषदीय विद्यालय में अपार आईडी करीब 85% तक बनाई जा चुकी हैं. वहीं निजी विद्यालयों में 25 से 50% अपार आईडी बनी हुई है जो करीब 3.5 लाख के आसपास है. रोक दिया गया वेतन
अपार आईडी के आंकड़ों की बात करें तो अभी जनपद के करीब 50 फीसदी है. वहीं केंद्र सरकार के द्वारा इसे अनिवार्य कर दिए जाने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ चुका है. इसके लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ ही साथ लक्ष्य को ना पूरा करने वाले करीब 1465 विद्यालयों के शिक्षकों का मानदेय और वेतन रोक दिया है.कब तक नहीं जारी किया जाएगा वेतन?

बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि अभी तक कार्रवाई बेसिक शिक्षा विभाग के टीचरों और खंड शिक्षा अधिकारियों पर किया गया है. वहीं अगर निजी विद्यालय अपार आईडी बनाने में रुचि नहीं लेंगे और यह परसेंटेज नहीं बढ़ाएंगे तो उनके मान्यता को वापस लेने के भी कार्रवाई की जाएगी. बेसिक शिक्षा अधिकारी की बात मानें तो जब तक गाजीपुर का अपार आईडी का डाटा 90% तक नहीं पहुंचेगा तब तक खंड शिक्षा अधिकारियों और अध्यापकों का वेतन जारी नहीं किया जाएगा.किस वजह से आ रही है दिक्कत?

अपार आईडी बनाए जाने में सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि अभिभावकों के द्वारा पूर्व में ही आधार में अपने अनुसार संशोधन कराया गया है, जिसको लेकर अपर आईडी बनाने में भी दिक्कत आ रही है. वहीं अब अभिभावक अपने बच्चों के आधार में संशोधन करने को तैयार नहीं है जिसके चलते इस कार्य में बड़ी दिक्कत है सामने आ रही है.

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