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अमेरिका से 119 अवैध भारतीय अप्रवासी को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान पहुंचेगा अमृतसर..

अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों की वापसी, अमृतसर में ही क्यों उतर रहे विमान ? भड़के CM भगवंत मान..

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आव्रजन पर कार्रवाई के अनुसार निर्वासन के दूसरे दौर में, 119 गैरकानूनी भारतीय अप्रवासी शनिवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान से पंजाब के अमृतसर तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे .

सी -17 अमेरिकी सैन्य विमान पंजाब से 67 व्यक्तियों, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, तीन यूपी मूल निवासी, राजस्थान और महाराष्ट्र से दो, और गोवा, जम्मू और कश्मीर और हिमाचाल प्रदेश के प्रत्येक मूल के प्रत्येक मूल के लिए ले जाएगा. शनिवार की उड़ान सुबह 10 बजे के आसपास एमरिस्टार हवाई अड्डे पर पहुंचने की आशा है.
अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के तहत एक अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर-III 16 फरवरी को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा। इसमें करीब 119 भारतीय नागरिक होंगे, जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे थे। निर्वासित लोगों में पंजाब से 67, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश से तीन, राजस्थान-महाराष्ट्र से दो-दो और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। रविवार को भी 157 लोगों को लेकर एक और अमेरिकी विमान के अमृतसर पहुंचने की संभावना है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सभी अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजे जाने तक हर दूसरे सप्ताह निर्वासन की प्रक्रिया जारी रहेगी। कार्रवाई ऐसे लोगों पर की जा रही है, जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर गए हैं या फिर वे अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां रह रहे हैं।

इससे पहले अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का विमान सी-17 पिछले हफ्ते यानी 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा था। इनमें गुजरात के 33, हरियाणा के 34, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, उत्तर प्रदेश-चंडीगढ़ के दो-दो लोग शामिल थे। इनमें आठ से दस साल के कुछ बच्चे भी शामिल थे।

एक समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बोला गया है कि सभी गैरकानूनी प्रवासियों को अपने संबंधित मातृभूमि में वापस नहीं भेजे जाने तक निर्वासन जारी रहेगा. पिछले हफ्ते, 104 गैरकानूनी भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया गया था. उन्हें अमृतसर के लिए एक अमेरिकी सैन्य सी -17 परिवहन विमान में भेजा गया था.

अवैध प्रवास पर पीएम मोदी, मानव तस्करी

निर्वासन भी पीएम मोदी की अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में आता है, जहां उन्होंने आव्रजन सहित कई प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ट्रम्प से मुलाकात की. एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्टि की कि नयी दिल्ली अमेरिका में गैरकानूनी रूप से रहने वाले अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है. उन्होंने बोला कि अमेरिका में रहने वालों में से अधिकतर गैरकानूनी रूप से सामान्य परिवारों से आते हैं, अक्सर मानव तस्करों द्वारा गुमराह करते हैं.

“उन्हें बड़े सपने दिखाए जाते हैं और उनमें से अधिकतर ऐसे होते हैं जो गुमराह होते हैं और यहां लाया जाता है. इसलिए, हमें मानव स्मग्लिंग की इस पूरी प्रणाली पर धावा करना चाहिए. साथ में, यह अमेरिका और हिंदुस्तान का कोशिश होना चाहिए ताकि इस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया जा सके. जड़ें ताकि मानव स्मग्लिंग खत्म हो जाए … हमारी बड़ी लड़ाई उस पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के विरुद्ध है, और हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस पारिस्थितिकी तंत्र को पूरा करने में हिंदुस्तान के साथ पूरी तरह से योगदान करेंगे.

पंजाब के CM भगवंत मान ने मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि पंजाब और पंजाबियों को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से अमृतसर हवाई अड्डे को अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को लाने के लिए चुने जाने पर आपत्ति जताई। मान ने पूछा कि विदेश मंत्रालय को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अमृतसर को इस काम के लिए क्यों चुना गया और ये भी कि क्या मोदी सरकार जानबूझकर पंजाब को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

भगवंत ने ये भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिल रहे होंगे, तब अमेरिकी अधिकारी भारतीय प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़ रहे होंगे। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या यह मोदी का ट्रंप से मिलने का तोहफा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी अमेरिका से वापस आने पर पंजाब को बदनाम करने के लिए ऐसे गिफ्ट लेकर आ रहे हैं।इससे पहले पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी इस विषय पर सवाल उठाए थे और कहा कि मोदी सरकार पंजाब की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है, जबकि वास्तविकता ये है कि इस राज्य के केवल 30 से 40 लोग ही इस स्थिति में हैं। इस प्रकार पंजाब के नेताओं ने मोदी सरकार की विदेश नीति और उसके असर पर गंभीर चिंता व्यक्त की है

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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