*अतरौली ब्रेकिंग: न्यायालय में तारीख पर आई महिला को आरोपी बंटी सभासद अतरौली ने धमकाया, पुलिस पर लापरवाही का आरोप* 👍थाना अतरौली क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक महिला को कथित तौर पर न्यायालय परिसर में धमकी और अभद्रता का सामना करना पड़ा। पीड़िता का नाम दुलारी देवी है, जो अपने ही मोहल्ले के वार्ड सभासद बन्टी के खिलाफ चल रहे मुकदमे के सिलसिले में 19 मार्च को कोर्ट में तारीख पर आई थी। आरोपी बन्टी, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ा बताया जा रहा है, ने पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव डाला। क्या है पूरा मामला? 👍जानकारी के मुताबिक, दुलारी देवी और वार्ड सभासद बन्टी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। बीती 19 मार्च को जब दुलारी तारीख के लिए न्यायालय पहुंची, तो आरोपी बन्टी ने उनसे केस वापस लेने की मांग की। महिला के इनकार करने पर बन्टी ने कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल शुरू कर दिया और उन्हें धमकाने की कोशिश की। घबराई हुई दुलारी ने तुरंत आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस का रवैया और आरोपी की फरारी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन पुलिस को देखते ही आरोपी वार्ड सभासद बन्टी फरार हो गया। इसके बाद पीड़िता ने अतरौली कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, आरोप है कि बन्टी एक प्रभावशाली नेता होने के कारण स्थानीय पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय इसे रफा-दफा करने की कोशिश की। पुलिस कप्तान से लगाई गुहार न्याय न मिलने से परेशान दुलारी देवी ने अंततः जिला पुलिस कप्तान के समक्ष पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता का कहना है कि उन्हें न केवल धमकी दी गई, बल्कि उनकी शिकायत को भी दबाने की कोशिश की जा रही है। पीड़िता की जुबानी दुलारी देवी (पीड़ित महिला): “मैं कोर्ट में तारीख के लिए आई थी, लेकिन बन्टी ने मुझ पर केस वापस लेने का दबाव डाला। जब मैं नहीं मानी तो उसने गाली-गलौच शुरू कर दी। पुलिस को बुलाया, लेकिन वो भाग गया। थाने में शिकायत की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब मैं एसपी साहब से न्याय की गुहार लगा रही हूं।” मामले पर सवाल यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में पुलिस की निष्क्रियता को भी उजागर करती है। अब देखना यह है कि जिला पुलिस कप्तान इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और पीड़िता को इंसाफ मिल पाता है या नहीं।