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लो मिल गए “धाकड़ जी”, धाकड़ अंदाज़ में! लिव-इन में जी रहे ‘रिल्स वाले रिश्ते’ की वायरल कहानी

"धाकड़ का डांस, धाकड़ का माल — सब कुछ है धाकड़", मगर क्या समाज और कानून भी तैयार है ऐसे धाकड़पन के लिए?

🟥 लो मिल गए “धाकड़ जी”, धाकड़ अंदाज़ में! लिव-इन में जी रहे ‘रिल्स वाले रिश्ते’ की वायरल कहानी

“धाकड़ का डांस, धाकड़ का माल — सब कुछ है धाकड़”, मगर क्या समाज और कानून भी तैयार है ऐसे धाकड़पन के लिए?

स्पेशल रिपोर्ट | वंदे भारत LIVE TV न्यूज़ | रिपोर्टर – एलिक सिंह

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक युवा जोड़ी के चर्चे हर गली, नुक्कड़ और मोबाइल स्क्रीन पर हैं। कोई उन्हें “धाकड़ जी” कह रहा है, तो कोई “लिव-इन के लवर बॉय और बॉस लेडी“। वजह है इनका खुल्लम-खुल्ला रिलेशनशिप, वायरल डांस वीडियो, और सरेआम “हम साथ हैं” वाला आत्मविश्वास, जो कुछ लोगों को प्रेरणा लगता है, तो कुछ को सिरदर्द।


🔥 सोशल मीडिया पर बवाल – “धाकड़ अंदाज़” में जी रहा जोड़ा

ये जोड़ा पिछले कई हफ्तों से Instagram Reels, Facebook Shorts और YouTube Vlogs में छाया हुआ है। कभी पार्क में डांस, कभी बाइक पर रोमांस और कभी मंदिर में मन्नत — हर जगह इनका “धाकड़ स्टाइल” दिखता है।
कमेंट्स में लोग पूछते हैं:
“भाई कौन हैं ये?”
“धाकड़ जी की शादी हुई क्या?”
“ये लिव-इन है या नया रियलिटी शो?”


🏠 अब लिव-इन में रह रहे हैं “धाकड़ जी” और उनकी पार्टनर

स्थानीय सूत्रों से पता चला है कि दोनों बिना शादी किए एक ही रूम में साथ रह रहे हैं और इस बात को छुपाने के बजाय खुलकर सोशल मीडिया पर दिखा भी रहे हैं।
दोनों के डांस रील्स पर लिखा होता है –
“हमारी पसंद, हमारा अंदाज़ – लिव-इन हमारा अधिकार!”


⚖️ मगर सवाल भी हैं – समाज, कानून और परिवार कहाँ है?

जहां एक ओर युवा पीढ़ी इसे “साहसी और स्वतंत्र सोच” बता रही है, वहीं दूसरी ओर कई लोग संस्कार, समाज और कानूनी ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
क्या लिव-इन संबंधों में रहना सामाजिक रूप से स्वीकार्य है?
क्या इन रिश्तों में कोई कानूनी समझदारी है?
अगर कल को झगड़ा हुआ, तो कौन जिम्मेदार होगा?


👨‍👩‍👧‍👦 परिवार चुप, मोहल्ला व्यस्त, पुलिस क्या कहे?

स्थानीय लोगों का कहना है कि
“लड़का-लड़की बालिग हैं, लेकिन क्या हर बात कैमरे पर दिखाना ज़रूरी है?”
पुलिस की ओर से कोई मामला दर्ज नहीं है क्योंकि दोनों वयस्क हैं और आपसी सहमति से साथ रह रहे हैं।
मगर समाज की नजरें आज भी ऐसे रिश्तों को न्याय या अधिकार नहीं, नाटक और विद्रोह मानती हैं।


🎭 “धाकड़ जोड़ी” की कहानी – प्रेरणा या पागलपन?

ये मामला कहीं से अपराध नहीं, लेकिन आज के बदलते समाज में ‘प्यार की नई परिभाषा’ जरूर है।
“धाकड़ जी” और उनकी पार्टनर जैसे युवा जोड़े अब अपनी शर्तों पर रिश्ते जीना चाहते हैं।
मगर इस आज़ादी की लक्ष्मण रेखा कहाँ है?
क्या हर ‘रिलेशन’ reel-worthy होता है?


🖊️ रिपोर्टर: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत LIVE TV न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
📞 संपर्क: 8217554083

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