
1948-49 रणजी सत्र में बिहार ने रणजी ट्रॉफी में अपनी पहली जीत दिल्ली जैसी मजबूत टीम को हराकर हासिल की थी। यह 3 दिवसीय मैंच 21,22,23 जनवरी 1949 को जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में खेला गया था।बिहार ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 153 रन बनाए।सुधीर दास ने 49 रन बनाए थे।दिल्ली के लिए हरगोपाल ने 5और बहादुर ने 3 विकेट लिए थे। दिल्ली ने पहली पारी में 212रन बनाए।तुलजाराम ने 66 किशेन ने 51रनों की पारी खेली।बिहार के लिए विमल बोस ने शानदार 7विकेट लिए थे।पहली पारी में दिल्ली को 59 रनों का बढ़त मिली थी।बिहार ने दूसरी पारी में 136 रन बनाए थे। पटनायक ने 22 रन बनाए।दिल्ली के लिए हरगोपाल ने 3 विकेट लिए।दिल्ली दूसरी पारी में 78 रनों के लक्ष्य का पीछा करती हुई 48 रनों पर सिमट गयी थी। वैद्य ने 22 रन बनाए। बिहार के लिए सूते बनर्जी ने 6 विमल बोस ने 4 विकेट हासिल किए थे।बिहार के लिए दोनों पारी में बाए हाथ के तेज गेंदबाज विमल बोस ने कुल 11विकेट लिए थे।बिहार ने इस मैंच को दूसरे दिन ही दिल्ली को 29 रनों से हरा दिया था। इस मैंच को विशेष तौर पर विमल बोस की बेहतरीन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है।इस तरह बिहार की टीम ने रणजी ट्रॉफी में पहली जीत जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में सूते बनर्जी की कप्तानी में हासिल की थी।इसके बाद फरवरी 1949 में सूते बनर्जी को भारतीय टेस्ट टीम से भी खेलने का मौका मिला था। सूते भारत के लिए 52वें टेस्ट खिलाड़ी बने थे।