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सुमिता शर्मा चंद्रपुर महाराष्ट्र:
केंद्र सरकार ने कोविड के दौरान ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ शुरू की थी। तब से सरकार लगातार इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है।
केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन पाने वाले सभी लाभार्थियों के लिए यह बेहद जरूरी खबर है। सरकार ने कई बार देखा है कि अपात्र लोग भी इस योजना के तहत मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना के तहत आयकर देने वाले या सरकारी नौकरी करने वाले लोग राशन पाने के पात्र नहीं हैं। इसलिए अब आयकर विभाग ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत लाभार्थियों की सूची से अपात्र लोगों को हटाने के लिए खाद्य मंत्रालय के साथ डेटा साझा करेगा।
पीएमजीकेवाई के तहत उन गरीब परिवारों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जाता है जो आयकर नहीं देते हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में पीएमजीकेएवाई के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 1.97 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। देश में कोविड-19 महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) शुरू की गई थी।
सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन वितरण की सीमा 1 जनवरी 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक कार्यालय आदेश में कहा है कि आयकर महानिदेशक (प्रणाली) को उपभोक्ता मामले मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के संयुक्त सचिव को सूचना उपलब्ध कराने का अधिकार होगा। डेटा साझाकरण व्यवस्था के अनुसार, डीएफपीडी, डीजीएलटी (सिस्टम), नई दिल्ली को कर निर्धारण वर्ष के साथ आधार या पैन नंबर उपलब्ध कराएगा।
यदि पैन प्रदान किया गया है या आधार को पैन से जोड़ा गया है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) आयकर विभाग के डेटाबेस के अनुसार निर्धारित आय के संबंध में डीएफपीडी को जवाब देगा। यदि लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डेटाबेस में किसी भी पैन से लिंक नहीं है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी को सूचित करेगा। ऐसी प्रतिक्रियाओं और सूचना के आदान-प्रदान की विधि डीजीएलटी (सिस्टम) और डीएफपीडी द्वारा निर्धारित की जाएगी। सूचना प्रदान करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा। इस समझौता ज्ञापन में डेटा स्थानांतरण की विधि, गोपनीयता बनाए रखना, डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करने की व्यवस्था, उपयोग के बाद वर्गीकरण आदि शामिल होंगे।