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सूचना एवं प्रसारण मंत्री का पत्रकारों को लेकर बयान का मैसेज वायरल, अब सरकार ने खोली पोल

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। नई दिल्ली।।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री का पत्रकारों को लेकर बयान का मैसेज वायरल, अब सरकार ने खोली पोल।

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा है कि देशभर के फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

PIB Fact Check: भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में फेक न्यूज फैलाने वाले छह यूट्यूब चैनलों पर कार्रवाई की है। ये यूट्यूब चैनल टीवी चैनलों के एंकरों की पिक्चर, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल का उपयोग करते थे और लोगों को गुमराह करते थे। इस बीच सोशल मीडिया पर एक और मैसेज वायरल हो गया है। इसमें एक अखबार की कटिंग के जरिए दावा किया जा रहा है कि बगैर आरएनआई के अखबार और चैनल चला रहे देशभर के फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। जानिए इस क्‍या है पूरा मामला और इस वायरल मैसेज का सच।

ये है मामला

दरअसल इन दिनों वेकम इंडिया नाम के एक न्यूज पेपर की कटिंग के साथ सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि जो लोग बगैर आरएनआई के अखबार या चैनल चला रहे हैं, उनके खिलाफ केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जल्‍द ही सख्‍त कार्रवाई करेगा।इस रिपोर्ट में आगे लिखा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से कहा है कि देश भर में जितने भी लोग प्रेस आईडी कार्ड लेकर घूम रहे हैं या फर्जी चैनल चला रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ तत्‍काल जांच शुरू होगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होगी और उन्‍हें गिरफ्तार किया जाएगा।

दावा: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा है कि देश भर के फ़र्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर होगी।

▶️ यह दावा फ़र्ज़ी है।

▶️ केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। pic.twitter.com/tJ2UKStqCT

जानें क्‍या है वायरल मैसेज का सच

लेकिन ये दावा कितना सच है, इसकी पोल खुद सरकार ने खोल दी है। दरअसल अब सरकारी एजेंसी पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से इस दावे की सच्‍चाई को उजागर कर दिया है। PIB Fact Check ने ट्वीट करके बताया है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर कर उन्‍हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। ये दावा पूरी तरह से फर्जी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री की ओर से इस तरह का कोई भी बयान नहीं दिया गया है।

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