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IISF-2025 के यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव में चुने गए दुमका के युवा शोधकर्ता कुलेश भंडारी

Wild Food Forests in Tribal Jharkhand’ परियोजना को राष्ट्रीय मंच पर मिली पहचान

दुमका : संथाल परगना के युवा शोधकर्ता कुलेश भंडारी का चयन भारत सरकार द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF-2025) के प्रतिष्ठित यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव में पोस्टर प्रस्तुति के लिए किया गया है। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम 6 से 9 दिसम्बर 2025 तक पंचकूला–चंडीगढ़ में आयोजित होगा।

कुलेश का चयन उनके समुदाय-आधारित पर्यावरणीय कार्य
“Wild Food Forests in Tribal Jharkhand: A Community-Led Model for Biodiversity and Resilience”
पर आधारित है। यह परियोजना संथाल परगना के आदिवासी इलाकों में विलुप्त होती जंगली खाद्य प्रजातियों, पारंपरिक कृषि-ज्ञान, जैवविविधता संरक्षण, और सामुदायिक भागीदारी को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अनूठा मॉडल प्रस्तुत करती है।

इस परियोजना को अमेरिका की The Pollination Project Foundation (TPP) द्वारा सीड ग्रांट प्रदान किया गया है, जिसने इसे वैश्विक स्तर पर भी मान्यता दिलाई है।

IISF का यंग साइंटिस्ट कॉन्क्लेव देश के चुनिंदा युवा वैज्ञानिकों का मंच है, जहाँ चयनित होना स्वयं में एक बड़ी उपलब्धि और क्षेत्रीय गौरव है। इससे दुमका–गोड्डा के जंगलों, पहाड़ियों और आदिवासी समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को राष्ट्रीय पहचान मिली है।
कुलेश भंडारी ने इस अवसर पर कहा—
“मेरी सीख, मेरी शक्ति और मेरी प्रेरणा संथाल परगना की मिट्टी से आती है। ‘वाइल्ड फूड फॉरेस्ट्स’ केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि हमारे जंगलों में बसने वाली पुरखों की स्मृतियों का पुनर्जीवन है। IISF-2025 में चयनित होना मेरे गाँव, मेरे लोगों और झारखण्ड की धरती का सम्मान है।”

आयोजकों द्वारा उन्हें जल्द ही पोस्टर टेम्पलेट, यात्रा व आवास से संबंधित विस्तृत निर्देश भेजे जाएंगे।
स्थानीय शिक्षकों, शोधकर्ताओं, समाजसेवियों एवं युवाओं ने इसे झारखण्ड के लिए गर्व का क्षण बताया है और कुलेश को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं।

 

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