
पहली बारिश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में हुए निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है, अब अधिकारी किस तरह से करेंगे जांच ?
रिपोर्ट – ईश्वर सिंह यादव
दरअसल गरियाबंद जिले में बीते दिनों में बारिश हुई और ग्राम पंचायत चलनापदर ने निर्माण हुई कुल लागत 15 लाख लगभग की चेक डैम बहा ले गई मामला ग्राम पंचायत चलनापदर की है आप को बता दें कि चैकडैम की निर्माण 2 महीने नही हुए और पहली बारिश में बह गया इससे पता चलता है कि मनरेगा के निर्माण कार्य किस इस स्तर की हो रही है
जनपद पंचायत मैनपुर के अंर्तगत मनरेगा में निर्माण कार्यों पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति करने लगे हैं कई बार केश ऐसा आया है की जिम्मेदार अधिकारी द्वारा गुणवत्ता की जांच करते हैं और उसे गुणवता हीन पाए जानें पर पुनः तोड़ कर बनाने को कहा जाता है पर अधिकारी पीछे करते ही उसे लीपा पोती कर कार्य को पूर्ण कर दिए जाते हैं और मूल्यांकन भी हो जाती है
मनरेगा के तहत सरकार ने आवागमन हेतु पुल,पुलिया, पानी बचाव हेतु चेक डैम, तालाब जैसे कई निर्माण कार्य दे रही है पर इसमें भी अब भ्रष्टाचार होने लगा है आप को बता दें मैनपुर जनपद के अंतिम छोर के ग्राम पंचायतों में अधिकारी ज्यादा ध्यान नहीं देते और ठीक से जांच किए बिना मूल्यांकन कर देते हैं जिसके कारण सारी निर्माण कार्य भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ रही है कई निर्माण कार्य में देखा गया है कम खर्चा कर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में माप अनुरूप कार्य नहीं किया जाता जिसके कारण निर्माण के कुछ दिनों बाद ध्वस्त हो जाती है
पुल पुलिया के स्टीमेट के अनुसार अगर कार्य किया जाता तो पुल पुलिया हो चाहे चैकडैम टिकाऊ होता क्योंकि मैनपुर जनपद के अंतिम छोर के ठेकेदार 1 पैकेट सीमेंट में 2 पैकेट रेत 3 पैकेट गिट्टी मतलब ये कह सकते हैं की ठेकेदार अलग से स्टीमेट तैयार कर निर्माण कार्य को कराते हैं जिसके कारण 5 साल टिकाऊ करने वाली पुल, पुलिया, चैकडैम 6 महीने नहीं लगते खराब होने में l