पटनाः सियासत में संयोग कम होता है। साजिश की संभावना सदैव बनी रहती है। मंगलवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात हुई। मुलाकात अचानक नहीं, बल्कि तयशुदा थी। मौका था राज्य सूचना आयोग में सूचना आयोग की नियुक्ति के लिए मशविरे का। सूचना आयुक्त के चयन में सीएम और प्रतिपक्ष के बीच सहमति जरूरी होती है। शायद सहमति दोनों नेताओं ने बना भी ली है। पर, सियासी गलियारों में चर्चा सूचना आयुक्त के संभावित नामों पर नहीं हो रही। चर्चा किसी नए सियासी गुल के आहट की हो रही है। अनुमान के लिए अलग-अलग की कड़ियों को जोड़ना पड़ता है। इसलिए कड़ियां भी जोड़ी जा रही हैं।
लालू ने विधायकों को बुलाया
उधर नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात हो रही थी और इधर लालू यादव ने विधायकों को बैठक के लिए बुला लिया। बैठक में उपस्थिति अनिवार्य है। विधायकों के साथ विधान परिषद के सदस्य और विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी भी रहेंगे। सिंगापुर में स्वास्थ्य जांच करा कर लौटे लालू को हड़बड़ी में बुलाई इस बैठक की जरूरत का लोग आकलन करने लगे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार ने फिर पाला बदलने का मन तो नहीं बना लिया है। इसी बीच तेजस्वी की नीतीश की सकारण मुलाकात से सस्पेंस और गहरा हो गया है।
2022 में ऐसी ही मुलाकात
लोग नीतीश के पलटने का कयास इसलिए लगा रहे हैं कि 2022 में तेजस्वी और नीतीश की ऐसी ही एक-दो मुलाकातें हुई थीं। उसके बाद सूबे का सियासी परिदृश्य ही बदल गया था। तेजस्वी जाति जनगणना कराने की माग को लेकर नीतीश से मिले थे। नीतीश ने भी उनकी मांग को उचित माना। दूसरी मुलाकात भी इसी सिलसिले में हुई थी। फिर तो एक-दूसरे के घर आने-जाने का सिलसिला शुरू हुआ और एनडीए से महागठबंधन की सरकार अस्तित्व में आ गई थी। सियासी समझ रखने वालों की दलील है कि जब दो राजनेता जुटते हैं तो एक-दूसरे की खैरियत ही नहीं पूछते। सियासी बातें भी हाव-भाव और संकेतों के जरिए होती है। मन मिल जाए तो भविष्य की योजना भी नेता बना लेते हैं। इसलिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सकारण मुलाकात कोई नया गुल खिला दे आश्चर्य नहीं।
भाजपा ने भी जुटाए संसद-विधायक
इस बीच दिन भर की गतिविधियों का सस्पेंस भाजपा ने भी बढ़ा दिया। भाजपा ने भी अपने विधायकों-सांसदों के साथ मंगलवार को मीटिंग की। बताया गया कि सदस्यता अभियान के सिलसिले में बैठक थी। पर, जिस तरह केंद्रीय मंत्रियों, सासंदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों का जुटान हुआ, उससे सबके कान खड़े हो गए। लोग इसे भी तेजस्वी और नीतीश की मुलाकात की भीतरी बात से जोड़ कर लोग देख रहे हैं।