वव्यवहार न्यायालय परिसर में नालसा मानक संचालन प्रक्रिया – बाल विवाह से मुक्ति की ओर अग्रसर, 2025 विषयक जिला स्तरीय उन्मूखीकरण कार्यशाला आयोजित
झारखंड,गोड्डा।
राष्ट्रीय व झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से व्यवहार न्यायालय के लाइब्रेरी सभागार में नालसा ( आशा- जागरुकता, समर्थन, सहायता और कार्रवाई ) मानक संचालन प्रक्रिया- बाल विवाह से मुक्ति की ओर अग्रसर, 2025 के तहत स्टेकहोल्डरर्स, पैनल अधिवक्ता व अधिकार मित्रों का जिला स्तरीय उन्मूखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार, उपाध्यक्ष सह उपायुक्त अंजली यादव, परिवार न्यायालय के प्रधान जज अनिल कुमार पांडेय, डीएसपी जेपीएन चौधरी, सीजेएम शशिभूषण शर्मा , डालसा सचिव दीपक कुमार, रजिस्टार लीलेश सिंह मुंडा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पीडीजे रमेश कुमार ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा आशा टीम का गठन किया गया है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की जरुरत है। अगर स्थानीय स्तर पर बेहतर शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाय तो बाल विवाह को रोकने में सफल साबित हो सकते हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अभी भी अल्पसंख्यक छात्राओं का सीट खाली रह जाती हैं । इसके लिए जन जागरुकता पैदा करने की जरुरत है। पीएलवी को बढ़ चढ़कर अभिवंचित बच्चियों को स्कूल से जोड़ने के लिए अहम भूमिका अदा करने का आह्वान किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सह उपायुक्त अंजली यादव ने कहा कि जिले की बाल विवाह का आंकड़ा 63 प्रतिशत है। एक धारणा के तहत 14 से 17 आयु वर्ग की बच्चियों की शादी कर दी जाती है। झारखंड स्तर पर यह सबसे खराब आंकड़ा है। ऐसा देखा जाता है कि जनजातीय क्षेत्र व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आठवीं के बाद बहुत अधिक बच्चियों का ड्राप आउट हो रहा है। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नामांकन को लेकर जनजातीय बच्चियों में जागरुकता आई है। इसमें भी सीट सीमित हैं। अगर कस्तूबा में नामांकन नहीं हो तो अन्य स्कूलों में दाखिला लेकर पढ़ाई जारी रखे । इसके लिए जागरुकता की जरुरत है। कहा कि अभी बाल विवाह पर बाल संरक्षण इकाई द्वारा रिपोर्टंग नहीं हो रही है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर भी हमें कार्य करने की जरुरत है।
परिवार न्यायालय के प्रधान जज अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि बाल विवाह एक कठिन सामाजिक समस्या है। बाल विवाह का सीधा प्रभाव हमारी सामाजिक आर्थिक पृष्टभूमि से है। पहले 11 वर्ष में ही शादी कर दी जाती थी उसके बाद 15 वर्ष हो गया और अब समानता का अधिकार को देखते हुए लड़का- लड़की दोनों के शादी की उम्र 21 वर्ष की गई है। जैसे- जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ता गया उसी के अनुसार शादी की उम्र बढ़ती गयी। अगर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खोलकर बच्चियों को शिक्षा दी जाय तो बाल विवाह का सफाया हो सकता है। इसके अलावा इस दिशा में विस्तृत परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें डालसा सचिव, बाल संरक्षण पदाधिकारी व एलएडीसी ने बाल विवाह पर विस्तृत प्रकाश डाले। कार्यशाला में सभी बीडीओ, एलएडीसी, विधि सह परवीक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार, पैनल अधिवक्ता व दर्जनों अधिकार मित्र उपस्थित थे।
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम फरीदनगर में संदिग्ध परिस्थितियों में नवविवाहिता की मौत से सनसनी फैल गई है। मृतका के मायके वालों ने पति व ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाया है। मृतक के पिता महबूब का कहना है कि बेटी को गला घोंटकर मार दिया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच पुलिस व फॉरेंसिक टीम कर रही है।
20/06/2025
मुरादाबाद नगर आयुक्त IAS दिव्यांशु पटेल के निर्देशन में बदलता मुरादाबाद शहर के प्रमुख पार्कों में लगाई गईं योग की मुद्राएं दर्शाती मूर्तियां नगर निगम कर रहा योग के प्रति लोगों को जागरूक मूर्तियों के ज़रिए नागरिकों को योग अपनाने का संदेश 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की तैयारियां तेज़ पार्कों में सजावट और प्रचार-प्रसार का कार्य जारी @PatelD_IAS17 @myogiadityanath
20/06/2025
सगमा प्रखंड प्रमुख अजय शाह ने शुक्रवार को बंशीधर नगर अनुमंडल पदाधिकारी राम निवास मिर्धा को आवेदन देकर संगमा प्रखंड की कई गंभीर समस्याओं से अवगत कराया और शीघ्र निदान की मांग की। प्रमुख ने आवेदन में बताया कि मनरेगा समेत कई विकास योजनाओं का संचालन सरकारी नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। मनरेगा एक श्रमिक आधारित योजना है. लेकिन यहां मशीनों से कार्य कराया जा रहा है. जिससे मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है और पलायन की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सगमा प्रखंड में पूर्णकालिक अंचलाधिकारी (सीओ) और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) की स्थायी नियुक्ति नहीं होने के कारण आम लोगों को अपने कार्यों में भारी परेशानी हो रही है। इससे विकास कार्य भी ठप पड़ गए हैं। वहीं, पंचायत समिति सदस्यों द्वारा स्वीकृत 15वें वित्त आयोग के तहत पूर्ण हो चुकी योजनाओं का भुगतान तीन माह से लंबित है। इसके लिए समिति सदस्य लगातार प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। प्रमुख ने एसडीओ से अनुरोध किया कि इन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए। आवेदन प्राप्त करने के बाद एसडीओ राम निवास मिर्धा ने जांच कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया। इस मौके पर उपप्रमुख अर्जुन पासवान, पंचायत समिति सदस्य ममता देवी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
20/06/2025
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20/06/2025
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20/06/2025
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20/06/2025
भारी बारिश के कारण राय कोलियरी भूमिगत खदान के बगल हुआ भू-धंसान,पंखा घर हुआ बंद।
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