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बिना बुलाये किसी के घर जाने पर कष्ट का भागी बनना पड़ेगा— कथा वाचक

बिना बुलाये किसी के घर जाने पर कष्ट का भागी बनना पड़ेगा--- कथा वाचक

बिना बुलाये किसी के घर जाने पर कष्ट का भागी बनना पड़ेगा— कथा वाचक

 

राठ ( हमीरपुर)श्री मेला जल विहार समिति राठ मे चल रहे जल विहार महोत्सव मे राम कथा के चौथे दिन चित्रकूट से पधारे जगतगुरु धीरेन्दराचार्य ज़ी ने कथा करते हुए बताया कि भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती ने अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही। इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। पिता द्वारा भगवान शंकर के अपमान पर सती ने हवन कुंड में कूदकर खुद को अग्नि में समर्पित करदिया।

भरत चरित्र की कथा में सभी अयोध्या वासी, मंत्रीगण भरत के साथ महर्षि भारद्वाज के आश्रम व भरत चरित्र का विस्तार से वर्णन किया।

महाराज ज़ी ने कहा कि भरत ने हाथ जोड़कर महर्षि भारद्वाज से कहा कि मैं भैया राम के पास जाकर उनसे क्षमा याचना करना चाहता हूं। मैं उनसे अयोध्या लौटने की प्रार्थना करना चाहता हूं। भरद्वाज बोले भरत तुम वास्तव में महान हो मैं तुम्हे आशीर्वाद देता हूं। राम-सीता और लक्ष्मण चित्रकूट में निवास करते हैं। तुम कल सुबह वहां चले जाना। मुनि भरद्वाज से अनुमति लेने पहुंचे तो उन्होंने भरत को समझाते हुए कहा कि भरत तुम अपनी माता के प्रति दुराग्रह नहीं रखना। इसमें उनका कोई दोष नहीं है। कैकई द्वारा किए गए कार्य में परमात्मा की प्रेरणा हैं।कथा मे भजनों का लोगों ने आनंद लिया।

कथा पंडाल मे अध्यक्ष के ज़ी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता, महामंत्री डॉ राम गोपाल गुप्ता, रमेश चन्द्र सर्राफ, रविन्द्र अग्रवाल, प्रदीप सोनी, राजू सोनी,राकेश मिश्रा सहित सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे।

 

नोट—— कथा वाचक का फोटो

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