संस्कृत स्कूलों में छात्रवृत्ति आवेदन कम होने पर डीआईओएस ने जताई नाराजगी
अम्बेडकरनगर
जिले के संस्कृत माध्यमिक और महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ डीआईओएस ने अपने दफ्तर में बैठक ली। संस्कृत विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति के लिए कम आवेदन होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि जल्द से जल्द पंजीकृत सभी पात्र छात्र छात्राओं के आवेदन कराए जाएं। इसमें लापरवाही बरतने पर प्रधानाचार्य के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि संस्कृत माध्यमिक और महाविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की दर में वृद्धि करते हुए संशोधन किया गया है। अब यहां पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी खासी छात्रवृत्ति मिलने जा रही है। एक किस्त दशहरा से पूर्व जबकि दूसरी किस्त होली से पूर्व प्रदान की जाएगी। जिले के 34 से अधिक संस्कृत विद्यालयों में छात्रवृत्ति आवेदन की रफ्तार धीमी है। इसको बढ़ाने के लिए उन्होंने उपस्थित प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया। अभी तक लगभग 40 फीसदी आवेदन हो पाया है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि प्रकरण मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में है इसलिए सभी प्रधानाचार्य इसमें गंभीरता दिखाएं। उन्होंने समय सारिणी के अनुसार आवेदन में तेजी लाने के लिए कहा। बताया गया कि छात्रवृत्ति संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए अनुमन्य है। परीक्षा में 50 फीसदी अंक और विद्यालय में 75 फीसदी उपस्थित होने पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। बैठक में बताया गया कि 25 सितंबर तक ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है, जिसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा आवेदन पत्रों की जांच कराई जाएगी। बाद में जनपद समिति की स्वीकृति के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति ट्रांसफर की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में प्रमुख रूप से पटल सहायक शशिकांत वर्मा, प्रधानाचार्य डॉ प्रवीण सिंह, श्याम नारायण तिवारी, चंद्रशेखर पांडे, यदुनाथ मिश्र, प्रभात तिवारी, जया सिंह, अरविंद त्रिपाठी, नंद कुमार तिवारी समेत अन्य प्रधानाचार्य मौजूद रहे।