
सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी में जांच कराने वाले मरीज-परिजन को असुविधाओं का दर्द झेलना पड़ रहा है।ऐसा इसलिए हो रहा है कि निर्माणाधीन सेंट्रल लैब (आईपीएचएल लैब) का कार्य एक साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है, जबकि ठेकेदार ने दो साल से काम बंद कर दिया है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी भी उदासीनता बरत रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज में आईपीएचएल लैब बनाया जा रहा है। सितंबर 2023 में ही कार्य शुरू हुआ था, शुरुआती दौर में कार्य की रफ्तार धीमी रही, जबकि दो माह से अधूरे निर्माण के गेट पर ताला लटकने लगा है और कार्य पूरी तरह बंद है। लैब बनाने के लिए उसके बगल के सभागार में लैब शिफ्ट किया गया। इसमें कम जगह में ही किसी तरह जांचें की जा रही हैं, जबकि बाहर भी दो काउंटर से ही रजिस्ट्रेशन और रिपोर्ट देने का कार्य होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज के लैब में अब 24 घंटे जांच की सुविधा दी जा रही है। हर दिन 350 से 450 मरीजों की जांच की जा रही है, जिसमें 9 से 10 हजार जांच प्रतिदिन होती है। पतली गैलरी में जांच कराने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन लगाना पड़ रहा है, जबकि खून, पेशाब का सैंपल लेने के लिए भी बाहर ही व्यवस्था बनाई गई है। लोग घंटों खड़े रहते हैं तो जांच हो पाती है। इसी समस्या का नाजायज फायदा उठाते हुए बिचौलिए लाइन में खड़े मरीजों को गुमराह के निजी पैथोलॉजी का रास्ता भी दिखा रहे हैं। पंखा भी खराब, उमस में मरीजों को आया पसीना
लैब के अंदर आवश्यकता के अनुसार एसी लगाई गई है, लेकिन काउंटर के सामने जहां लाइन लगती है, वहां एक पंखे की रफ्तार धीमी थी। एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि एक पंखे की रफ्तार धीमी हो गई है। इसके मरम्मत की कोशिश की जा रही है। कम जगह में मरीजों की दो लाइन होने के कारण गर्मी और उमस का अहसास भी अधिक हुआ। लोग पसीने से तर-बतर थे, लेकिन जांच होने की आस में असुविधाओं का दर्द झेल रहे थे।
मरीज बोले-
मेडिकल कॉलेज में सुबह 9 बजे आया हूं, लेकिन दोपहर 12:44 बजे तक जांच नहीं हो पाई है। 35 मिनट से गर्मी और उमस में खड़ा हूं। यहां पंखे की रफ्तार धीमी है, जबकि कहीं प्यास बुझाने की सुविधा नहीं है।
-ब्रह्मानंद, महंगी, उसकालैब के काउंटर पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए खड़ा हूं और यहां रजिस्ट्रेशन हो जाएगा तो सैंपल के लिए भी इसी तरह की दुश्वारियां झेलनी है। दो ही काउंटर चलने के कारण मरीज परिजन की सांसत हो रही है।
अभय प्रकाश, सोनवल, सनई
कोट
मेडिकल कॉलेज में आईपीएचएल लैब बनाया जा रहा है। सीएमओ कार्यालय से इसका बजट प्राप्त हुआ है। अब तक ठेकेदार से मेरी मुलाकात नहीं हुई है।
-डॉ. एके झा, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज
कोटमेडिकल कॉलेज में आईपीएचएल लैब बनाया जा रहा है। सीएमओ कार्यालय से इसका बजट प्राप्त हुआ है। अब तक ठेकेदार से मेरी मुलाकात नहीं हुई है।
-डॉ. एके झा, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज
कोट
मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लैब नहीं बनाया जा रहा है। जोगिया सीएचसी के वीएसएल लैब को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करना है, क्योंकि जोगिया में उसकी उपयोगिता नहीं है।
-डॉ. रजत कुमार चौरसिया, सीएमओ
कोट
मेडिकल कॉलेज में आईपीएचएल लैब का कार्य बंद होने के मामले में ठेकेदार से बात की गई है। ठेकेदार ने बताया है कि अक्टूबर में कार्य पूरा हो जाएगा। लैब का कार्य पूरा होने के बाद सुविधाएं बेहतर हो जाएगी।
-प्रो. राजेश मोहन, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज