
शोहरतगढ़।
बाढ़ से नुकसान हुए फसल की क्षतिपूर्ति देने में सरकारी धन की हेराफेरी करने के आरोप में तीन लेखपाल निलंबित कर दिए गए हैं। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जुलाई में आई बाढ़ के बाद राहत वितरण में पांच लाख रुपये से अधिक धनराशि अपात्रों को बांट दी गई। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में खुलासे के बाद एसडीएम शोहरतगढ़ चंद्रभान सिंह ने लेखपाल ओमप्रकाश, दुर्गेश शर्मा, जगदीश चौरसिया को निलंबित कर दिया है।
जुलाई में आई बाढ़ से शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के पकड़िहवा, तालकुंडा, पचऊध के लेखपालों ने फर्जीवाड़ा कर 36 अपात्र किसानों को फसल क्षतिपूर्ति दिला दी। इन गांवों से संबंधित तीनों लेखपालों ने फर्जी तरीके से दस्तावेज लगाकर अपात्र किसानों को लाभार्थी दिखा दिया और उनका नाम बाढ़ राहत पोर्टल पर दर्ज कर धनराशि दिला दी। जिन लोगों के नाम धनराशि स्थानांतरित की गई, वे सभी भूमिहीन हैं। इन्हीं गांवों के वे किसान जिनकी फसल बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुई थी और मुआवजा नहीं मिला उन्होंने शिकायती पत्र देकर मामले की जांच की मांग की। उनका आरोप था कि लेखपाल ने बाढ़ पीड़ित किसानों के नाम काट दिए। साथ ही फर्जी तरीके से सर्वे कर जो भूमिहीन थे उनके कागजात तैयार कर पोर्टल फीडिंग कर उन्हें अनुदान दिला दिया। संबंधित लेखपालों ने जिन किसानों को फर्जीवाड़ा की धनराशि मिली थी, उनसे मिलकर धन का बंदरबाट कर ली है। मामले का संज्ञान लेकर जांच टीम गठित कर जांच करवाई गई। एसडीएम ने जांच में मामले की पुष्टि होने पर तीनों लेखपालों को निलंबित कर दिया। साथ ही इन पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा है।
अपात्रों को फसल क्षतिपूर्ति की रकम देने के मामले की जांच के बाद तीन लेखपालों ओमप्रकाश, दुर्गेश शर्मा, जगदीश चौरसिया को डीएम के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया हैै।