नीमच। डॉ. श्रीमती रेखा मरकाम, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नीमच के द्वारा महाप्रबंधक, शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाना, नीमच को फोन पर धमकी देने वाले आरोपी अशोकसिंह पिता समंदरसिंह राजपुरोहित, उम्र-31 वर्ष, निवासी-ग्राम खारिया खगार, थाना बिलोदा, जिला जोधपुर (राजस्थान) को धारा 384 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 02 वर्ष के कारावास व 1000रू. अर्थदण्ड, धारा 506 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह के कारावास व 1000रू. अर्थदण्ड तथा धारा 507 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 06 माह का कारावास व 1000रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री राजेन्द्र नायक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि श्री व्ही. एस. मीणा, महाप्रबंधक, शासकीय अफीम एवं क्षारोद कारखाना, नीमच द्वारा पुलिस अधीक्षक नीमच को पत्र लेख कर बताया गया कि 17.10.2015 को एक मोबाईल नंबर से अफीम फैक्ट्री की कार्य शाखा पर फोन आया, जिसको फैक्ट्री में पदस्थ सुरेंद्र सोनगरा द्वारा रिसीव किया गया। फोन लगाने वाले ने स्वयं का नाम आयुष जेटली बताया तथा कहा कि वह वित्त मंत्री, भारत सरकार श्री अरूण जेटली का भतीजा हैं। फोन लगाने वाले व्यक्ति ने कहां की वह सचिवालय, नई दिल्ली से फोन कर रहा हैं तथा उसने भर्ती होने वाले केंडिडेट के संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने क्रय शाखा प्रभारी एन. एम. रूद्रेश से बात करवाई फिर फोन लगाने वाले व्यक्ति से यह पूछे जाने पर कि आपके केंडिडेट ने फार्म भरा हैं या नहीं तो इस पर फोन लगाने वाले व्यक्ति ने यह कहते हुए कि वह महाप्रबंधक से बात कर लेगा फिर फोन रख दिया। दिनांक 19.10.2015 को पुनः उसी व्यक्ति ने अफीम फैक्ट्री में फोन कर भर्ती की जानकारी के संबंध में महाप्रबंधक से बात करवाने के लिए कहां तो स्टॉफ ने फोन पर बताया कि भर्ती के संबंध में कोई भी अधिकारी किसी से कोई बात नहीं करेगा ऐसा निर्देशित किया गया हैं तो फोन लगाने वाले व्यक्ति भडक गया और धमकी देते हुए कहां कि वह सबको देख लेगा, महाप्रबंधक का न केवल तबादला करवायेगा बल्की भारत में कही रहने नहीं देगा, उसने कहां कि वह वित्त मंत्री का भतीजा हैं कुछ भी कर सकता हैं और उससे बात नहीं करना महाप्रबंधक को बहुत महंगा पडेगा। घटना वित्त मंत्री, भारत सरकार के नाम का दुरूपयोग कर उनके नाम की छवि को नुकसान पहुंचाने एवं भर्ती प्रक्रिया में दखल देकर अनावश्यक दबाव बनाने का होने के कारण त्वरित कार्यवाही करते हुए अज्ञात आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान सायबर सेल की सहायता से आरोपी का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर आवश्यक साक्ष्य एकत्रित कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुए एवं घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री राजेन्द्र नायक, एडीपीओ द्वारा की गई।